भारतीय इस्पात संघ द्वारा आयोजित पांचवें इस्पात सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘चीन के कारण आपको जो समस्याएं हो रही हैं, उसके लिए मैं वित्त मंत्रालय को समझाने की कोशिश करूंगा कि वह स्टील के आयात पर शुल्क को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10-12 प्रतिशत करने पर विचार करे.’
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Steel Import Duty: आने वाले समय में बाजार में स्टील की कीमत में तेजी आ सकती है. कीमत में यह तेजी इम्पोर्ट फीस बढ़ने के बाद हो सकती है. केंद्रीय इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि वह वित्त मंत्रालय से स्टील पर लगने वाली इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने को लेकर बातचीत करेंगे. उन्होंने कहा कि स्टील के आयात पर लगने वाली इम्पोर्ट ड्यूटी मौजूदा 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10-12 प्रतिशत करने के लिए वित्त मंत्रालय को मनाने की कोशिश की जाएगी. मंत्री ने चीन की तरफ से भारत में इस्पात की ‘डंपिंग’ के तरीके पर भी चिंता जताई.
इस्पात इंडस्ट्री से जुड़े कई लोगों ने मुलाकात की
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले दो महीने में इस्पात इंडस्ट्री से जुड़े कई लोगों ने उनसे मुलाकात की. इस दौरान स्टील इंडस्ट्री की ग्रोथ में आ रही समस्याओं पर चर्चा की. भारतीय इस्पात संघ द्वारा आयोजित पांचवें इस्पात सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘चीन के कारण आपको जो समस्याएं हो रही हैं, उसके लिए मैं वित्त मंत्रालय को समझाने की कोशिश करूंगा कि वह स्टील के आयात पर शुल्क को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10-12 प्रतिशत करने पर विचार करे.’
चुनौतियों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत पर जोर दिया
मंत्री ने वैश्विक मांग में मंदी खासकर चीन में मांग में कमी के प्रभाव जैसी चुनौतियों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘इस्पात मंत्रालय यह तय करने के लिए प्रतिबद्ध है कि इस्पात क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की यात्रा निर्बाध रूप से बनी रहे.’ कुमारस्वामी ने कहा कि भारतीय इस्पात उद्योग नई ऊंचाई पर पहुंचने की कगार पर है. उन्होंने कहा, ‘हमने पिछले तीन साल में मांग में डबल डिजिट की वृद्धि देखी है और यह इस वर्ष भी जारी है. इस्पात मंत्रालय भारतीय इस्पात की वृद्धि गाथा के प्रति आश्वस्त है. हालांकि, मैं भविष्य में पेश होने वाली चुनौतियों को भी समझता हूं.’
मंत्री ने कहा कि नवीनतम तकनीक में निवेश और प्रक्रियाओं को अनुकूलित कर कार्बन उत्सर्जन को काफी कम किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘इस्पात उत्पादन के लिए स्वच्छ ईंधन के रूप में हाइड्रोजन में अपार संभावनाएं हैं. हालांकि इसमें चुनौतियों का सामना करना होगा...हमें इसके व्यावसायीकरण में तेजी लाने के लिए अनुसंधान व विकास में निवेश करना होगा.’ (इनपुट-भाषा)