अधर में लटका मोटर व्हीकल अमेंडमेंट एक्ट, इस सत्र में नहीं तो लैप्ल होगा बिल
Advertisement

अधर में लटका मोटर व्हीकल अमेंडमेंट एक्ट, इस सत्र में नहीं तो लैप्ल होगा बिल

मोटर व्हीकल अमेंडमेंट एक्ट लोकसभा से पास हो चुका है, लेकिन राज्यसभा से पास होना बाकी है.

फाइल फोटो.

समीर दीक्षित, नई दिल्ली: सड़क दुर्घटनाओं में 50 फीसदी की कमी और सड़क सुरक्षा को पुख्ता करने के सरकार का लक्ष्य अब लगता है धरा का धरा रह जायेगा. दरअसल, संसद में जारी गतिरोध के चलते सड़क सुरक्षा से जुड़े सबसे अहम बिल मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल का लटकना लगभग तय माना जा रहा है. मोटर व्हीकल बिल के सहारे ही सरकार को उम्मीद थी कि देश में हर साल होते 5 लाख के करीब सड़क दुर्घटनाओं में तकरीबन 50 फीसदी की कमी लाई जा सकेगी.सकेंगे .

लेकिन, अफसोस है कि सरकार का ये लक्ष्य अब अधूरा रह सकता है. मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल राज्यसभा से पारित होना बाकी है, जबकि मौजूदा संसद सत्र इस सरकार का आखिरी सत्र है. बिल को चर्चा या सदन में पेश करना तो दूर अब तक राज्यसभा के बिल सूची में शामिल तक नहीं किया गया है. ऐसे में भले ही सत्र को एक हफ्ते का समय बचा हो लेकिन सड़क सुरक्षा से जुड़े इस बिल के भविष्य को अंधेरे के गर्त में जाना तय माना जा रहा है.

सड़क सुरक्षा और इस दिशा में काम करने वाली तमाम NGO को बिल से बहुत उम्मीदें थी. लिहाजा, उनका भी मनाना है कि बिल का पारित न होना देश के लिए बहुत बड़ी हानी होगी.

मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल से जुड़ी बड़ी बातें  

1. अप्रैल 2014 में मोदी सरकार में मंत्री गोपीनाथ मुंडे की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद सरकार ने सड़क सुरक्षा के लिए कदम उठाए जिसके बाद इस बिल को लेकर सामने आए.

2. जुलाई 2017 में मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल लोक सभा में पास हुआ.

3. राज्यसभा में मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल 2 बार पेश हो चुका है, लेकिन हर बार इसे खारिज कर पार्लियामेंट्री समिति के पास भेज गया.

4. मौजूदा संसद सत्र में मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल के पास न होने की स्थिति में बिल लैप्स या फिर खत्म हो जाएगा और अगली सरकार को नए सिरे से इससे संसद में लाना होगा.

Trending news