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नयी दिल्ली: ऑनलाइन कारोबार करने वाली कंपनियों को अब अपनी वेबसाइट पर सरकार के साथ पंजीकरण का पूरा ब्योरा के साथ उस व्यक्ति के बारे में सूचना देनी होगी जिससे शिकायतों या सवाल के लिये संपर्क किया जा सके। ऑनलाइन प्लेटफार्म समेत धोखाधड़ी वाली गतिविधियों से लोगों के साथ ठगी के मामले सामने आने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।
कंपनी गठन के नियमों में बदलाव करते हुए सरकार ने शेयर या गारंटी के जरिये असीमित जवाबदेही वाली कंपनियों के लिमिटेड कंपनी में बदलने के लिये कड़ी शर्तें रखी है। कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने कंपनी कानून, 2013 के तहत कंपनी के गठन के लिये नियमों में संशोधन किया है।
अब प्रत्येक कंपनी जिसके पास आनलाइन कारोबार के लिये वेबसाइट है, वे अपने पंजीकृत कार्यालय के नाम, पते, कारपोरेट पहचान संख्या (सीआईएन), टेलीफोन नंबर, फैक्स नंबर, अगर कोई है तो, तथा ईमेल की जानकारी देंगे। साथ ही ‘होमपेज’ पर उस व्यक्ति का नाम भी देंगे या प्रकाशित करेंगे जिनसे शिकायत या कोई सवाल होने पर संपर्क किया जा सकता है। सीआईएन संख्या कंपनी को कंपनी कानून के तहत पंजीकरण के बाद आबंटित किया जाता है।
साथ ही मंत्रालय ने अनलिमिटेड कंपनी को शेयर या गारंटी के जरिये लिमिटेड कंपनी में बदलने के लिये नियमों को कड़ा किया है। संशोधित नियमों के तहत लिमिटेड कंपनी बनने के बाद कंपनी का नाम एक साल के लिये नहीं बदला जाना चाहिए और उसे रिण एवं देनदारी साफ होने तक लाभांश देने की अनुमति नहीं होगी। मंत्रालय ने कहा कि पिछजे कर्ज, देनदारी, बाध्यताएं और अनुबंधों में बैंक और वित्तीय संस्थानों से लिये गये कर्ज शामिल नहीं है।