कंगाल पाकिस्तान को एक और झटका, IMF से बातचीत पर नहीं निकला हल
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कंगाल पाकिस्तान को एक और झटका, IMF से बातचीत पर नहीं निकला हल

नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के बीच राहत पैकेज को लेकर बातचीत फिलहाल अटक गई है. स्थानीय मीडिया ने शनिवार को इसकी जानकारी दी.

कंगाल पाकिस्तान को एक और झटका, IMF से बातचीत पर नहीं निकला हल

नई दिल्ली : नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के बीच राहत पैकेज को लेकर बातचीत फिलहाल अटक गई है. स्थानीय मीडिया ने शनिवार को इसकी जानकारी दी. मीडिया की खबरों के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान लोगों पर कर बोझ डालने को तैयार नहीं हो रहे हैं. इससे दोनों पक्षों के बीच जारी बातचीत ठहराव के कगार पर पहुंच गयी है. आईएमएफ दल के प्रमुख अर्नेस्टो रीगो अभी यहां ही हैं.

6.50 अरब डॉलर का राहत पैकेज मिलने की उम्मीद
पाकिस्तान को आईएमएफ से तीन साल के लिये करीब 6.50 अरब डॉलर का राहत पैकेज मिलने की उम्मीद है. स्थानीय अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता खकान हसन नजीब के हवाले से कहा, 'हमने यहां आये आईएमएफ दल के साथ बातचीत में अच्छी प्रगति की है. परामर्श सप्ताहांत पर भी जारी रहेगा.' वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार आईएमएफ के साथ अभी तक हुई बातचीत मुख्यत: तीन ऐसे मुद्दे हैं जिनके कारण बातचीत का निष्कर्ष नहीं निकल सका है.

आईएमएफ के नई शर्त जोड़ने से वार्ता बेपटरी
वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को गुरुवार तक यही उम्मीद थी कि बातचीत संपन्न हो जाएगी और आईएमएफ दल ने 11 मई को वापस लौटने की योजना बनायी थी. हालांकि, आईएमएफ द्वारा कार्यक्रम में कुछ नयी शर्तें जोड़ने से बातचीत पटरी से उतर गयी. इमरान खान इस साल जुलाई से लोगों पर अतिरिक्त कर बोझ डालने की शर्त पर सहमत नहीं हुए. यदि यह शर्त मानी जाती तो दोनों पक्ष एक समझौते पर पहुंच सकते थे. पाकिस्तान अभी तक लचीली विदेशी मुद्रा विनिमय व्यवस्था, सरकारी सब्सिडी को बंद करने, केंद्रीय बैंक से कर्ज पर रोक तथा निजीकरण के कार्यक्रम को पुन: शुरू करने की शर्तों को मान चुका है.

आठ महीने से राहत पैकेज लेने की घोषणा
खबर के अनुसार, आईएमएफ की अधिकांश शर्तें पाकिस्तान द्वारा मान लेने के बाद भी बातचीत का निष्कर्ष नहीं निकल सका है. पाकिस्तान पिछले आठ महीने से आईएमएफ से राहत पैकेज लेने की कोशिश में जुटा हुआ है. यह पिछले पांच महीने में आईएमएफ के दल की पाकिस्तान की दूसरी यात्रा है. हालांकि इस दूसरी यात्रा में भी तय समय तक निष्कर्ष पर पहुंचा नहीं जा सका है.

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इमरान खान ने की थी धीरज रखने की अपील
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री स्वीकार किया था कि देश के लोग बढ़ती महंगाई से जूझ रहे हैं. उन्होंने कर्ज में डूबी अर्थव्यवस्था के उबरने तक लोगों से 'मजबूत बने रहने' की अपील की. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब मीडिया में इस तरह की खबरें आ रही है कि खान की सरकार आईएमएफ से राहत पैकेज प्राप्त करने के करीब है. रावलपिंडी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान खान ने कहा, 'यह पूरी तरह सही है कि हमारे लोग कुछ मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. बिजली महंगी है. गैस महंगी है.' उन्होंने कहा, 'मैं समझ सकता हूं कि महंगाई बढ़ रही है.' खान ने लोगों से बढ़ती महंगाई के बीच धीरज रखने के अपील की. उन्होंने वादा किया कि देश इस कठिन समय से बाहर निकलने में सफल रहेगा.

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