पूरे देश में करीब 1.5 लाख पोस्ट ऑफिस का जाल बिछा हुआ है. ज्यादातर छोटे निवेशक बाजार के रिस्क से बचने की कोशिश करते हैं, इसलिए आज भी फिक्स्ड डिपॉजिट को निवेश का बहुत अच्छा विकल्प माना जाता है.
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नई दिल्ली: पोस्ट ऑफिस में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं. यहां निवेश करने पर रिटर्न भी अच्छा मिलता है और साथ में इसकी गारंटी भी है. अलग-अलग स्कीमों में निवेश करने पर ब्याज दर भी अलग-अलग मिलती है. पूरे देश में करीब 1.5 लाख पोस्ट ऑफिस का जाल बिछा हुआ है. ज्यादातर छोटे निवेशक बाजार के रिस्क से बचने की कोशिश करते हैं, इसलिए आज भी फिक्स्ड डिपॉजिट को निवेश का बहुत अच्छा विकल्प माना जाता है. अगर आप पोस्ट ऑफिस में टाइम डिपॉजिट (फिक्स्ड डिपॉजिट या TD या FD) करते हैं तो भारतीय डाकसेवा की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, रिटर्न सालाना मिलता है, लेकिन ब्याज दर का कैलकुलेशन क्वार्टरली (हर तीन महीने) होता है. साथ ही इसका फायदा इनकम टैक्स में भी होता है.
पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट की प्रमुख बातें
1. कैसे खोलें अकाउंट:
देश का कोई भी नागरिक पोस्ट ऑफिस में अपना अकाउंट कैश और चेक काटकर खोल सकता है. अगर पेमेंट चेक से किया जा रह है तो जिस दिन सरकार के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर होंगे, उस दिन से अकाउंट खुला हुआ माना जाएगा. यह सिंगल और ज्वाइंट अकाउंट दोनों हो सकते हैं.
2. FD अकाउंट खोलने के लिए कम से कम 200 रुपये या इसके मल्टीपल में रुपये जमा करने होंगे (कैश या चेक द्वारा). अधिकतम की सीमा नहीं है.
3. पोस्ट ऑफिस FD पांच साल के लिए होती है.
4. पांचों साल के लिए ब्याज दर में बदलाव होता है जो 7 फीसदी से 7.8 फीसदी के बीच होता है.
5. वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, पहले साल 7 फीसदी, दूसरे साल 7 फीसदी, तीसरे साल 7 फीसदी, चौथे साल 7 फीसदी और पांचवें साल 7.8 फीसदी की ब्याज दर मिलती है.
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इसके तहत जो कुछ निवेश किया जाता है, उसका इनकम टैक्स रिटर्न में भी बेनिफिट उठाया जा सकता है. इसके तहत जितना निवेश किया जाता है वह इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत 80C के अंतर्गत आता है. पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट खोलने के दौरान आपको नॉमिनी का उल्लेख करना होगा. अकाउंट खुल जाने के बाद सिंगल अकाउंट, ज्वाइंट में और ज्वाइंट, सिंगल में कंवर्ट हो सकता है.