Indian Railways: पांच साल में एक लाख करोड़ से ज्‍यादा बढ़ी रेलवे की संपत्‍त‍ि, कौन करेगा इसकी देखभाल?
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Indian Railways: पांच साल में एक लाख करोड़ से ज्‍यादा बढ़ी रेलवे की संपत्‍त‍ि, कौन करेगा इसकी देखभाल?

Satish Kumar: प‍िछले पांच साल के दौरान रेलवे की संपत्‍त‍ि में 1.14 लाख करोड़ रुपये का इजाफा का इजाफा हुआ है. लेक‍िन बढ़ी हुई संपत्‍त‍ि की देखभाल करने के ल‍िए रेलवे के पास मैनपावर नहीं है. इसी कमी को पूरा करने के ल‍िए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार ने वित्त मंत्रालय को पत्र ल‍िखा है.

Indian Railways: पांच साल में एक लाख करोड़ से ज्‍यादा बढ़ी रेलवे की संपत्‍त‍ि, कौन करेगा इसकी देखभाल?

Railways Board: रेलवे से जुड़ी संपत्‍त‍ियों में प‍िछले एक साल के दौरान ही 1.14 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. लेक‍िन इसकी देखभाल के ल‍िए रेलवे के पास पर्याप्‍त कर्मचारी नहीं हैं. इसको लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार ने कहा कि रेलवे की लगातार बढ़ती संपत्तियों की देखभाल के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की जरूरत है. उन्होंने बताया कि वित्त मंत्रालय से बोर्ड को सुरक्षा और जरूरी कैटेगरी में गैर-राजपत्रित पद बनाने की पावर देने की बात कही गई है. वित्त मंत्रालय में सचिव (व्यय) मनोज गोविल को लिखी च‍िट्टी में कुमार ने कहा कि रेलवे में पिछले कुछ सालों के दौरान पूंजीगत व्यय में तेजी से इजाफा हुआ है.

इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के रखरखाव के लिए अत‍िर‍िक्‍त कर्मचारियों की जरूरत

साल 2019-20 में 1.48 लाख करोड़ रुपये से यह 2023-24 में बढ़कर 2.62 लाख करोड़ रुपये हो गया है. कुमार ने कहा, 'पूंजीगत व्यय के चलते संपत्तियों में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसके लिए भरोसेमंद और सुरक्षित रेल संचालन के लिए पर्याप्त कार्यबल की जरूरत है.' उन्होंने कहा कि रेलवे के मिशन 300 करोड़ टन (2030 तक) के लक्ष्य को देखते हुए आने वाले सालों में इन परिसंपत्तियों में और वृद्धि होगी. यह क्षमता इस समय 161 करोड़ टन की है. कुमार ने तर्क दिया कि इस टारगेट को हासिल करने के लिए ज्‍यादा रेलगाड़ियां चलानी होंगी, जिसके लिए ट्रेन चलाने और बुनियादी ढांचे के रखरखाव के लिए अधिक कर्मचारियों की जरूरत होगी.

पांच साल में रेलवे के नए एसेट का ब्योरा अटैच क‍िया
कुमार ने कहा, 'वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग (DOE) के मौजूदा निर्देश के अनुसार पदों के सृजन (रेलवे में चालक दल की समीक्षा को छोड़कर) के लिए व्यय विभाग की मंजूरी की जरूरत होती है.' उन्होंने च‍िट्ठी में पिछले पांच साल में रेलवे में बनाए गए नए एसेट का ब्योरा भी अटैच क‍िया है. इसके अनुसार ट्रैक सर्किट में 269 प्रतिशत, रेलवे इलेक्‍ट्रीफ‍िकेशन में 79 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक व डीजल, दोनों इंजन वाले लोको शेड में 227 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

कवच के कवरेज में 486 प्रतिशत की वृद्धि, इंजनों में 59 प्रतिशत की वृद्धि और रेलगाड़ियों के डिब्बों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. कुमार ने विभिन्‍न परियोजनाओं की प्रभावी निगरानी और निष्पादन, नई परिसंपत्तियों के रखरखाव और ट्रेनों के सुचारू और सुरक्षित संचालन जैसे विभिन्‍न कारणों का हवाला देते हुए कहा कि रेलवे में अतिरिक्त कर्मचारियों की तत्काल जरूरत है. 

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