इस साल तो महंगाई ने खूब रुलाया, आने वाले साल में क्या करेगी? RBI ने जताई ये उम्मीद
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इस साल तो महंगाई ने खूब रुलाया, आने वाले साल में क्या करेगी? RBI ने जताई ये उम्मीद

RBI: रिजर्व बैंक ने महंगाई को लेकर कहा है कि कि बंपर खरीफ फसल और रबी फसल के चलते आगे चलकर खाद्यान्न कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है. हालांकि, खराब मौसम की घटनाओं के बढ़ते रुझानों के कारण जोखिम अभी भी है. 

इस साल तो महंगाई ने खूब रुलाया, आने वाले साल में क्या करेगी? RBI ने जताई ये उम्मीद

India's GDP Growth: भारतीय रिजर्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में देश की जीडीपी  6.6 प्रतिशत रहेगी. सोमवार को आरबीआई की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती और स्थिरता का प्रदर्शन कर रही है.

रिपोर्ट में महंगाई के बारे में कहा गया है कि खरीफ और रबी फसल के बंपर उत्पादन की वजह से आने वाले दिनों में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है. हालांकि, खराब मौसम की घटनाओं के बढ़ते रुझानों के कारण जोखिम बने हुए हैं. इसके अलावा दुनिया भर में जारी भू-राजनीतिक संघर्ष ग्लोबल सप्लाई चेन और जिंस कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं. 

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि अर्थव्यवस्था को ग्रामीण खर्चों में सुधार, सरकारी खपत और निवेश में तेजी तथा मजबूत सेवा निर्यात का सपोर्ट मिला है. रिजर्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) का दिसंबर, 2024 का अंक जारी किया है. रिपोर्ट भारतीय वित्तीय प्रणाली की जुझारू क्षमता और वित्तीय स्थिरता के जोखिमों पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाती है. 

पर्याप्त पूंजी और नकदी भंडार के कारण अच्छी स्थिति में

इसमें कहा गया है, ‘‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) मुनाफा बढ़ने, गैर-निष्पादित आस्तियों में कमी, पर्याप्त पूंजी और नकदी भंडार के कारण अच्छी स्थिति में हैं. परिसंपत्तियों पर प्रतिफल (आरओए) और इक्विटी पर प्रतिफल (आरओई) दशक के उच्चतम स्तर पर हैं, जबकि सकल गैर-निष्पादित आस्ति (जीएनपीए) अनुपात कई साल के निचले स्तर पर आ गया है.'' 

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि व्यापक दबाव परीक्षण से पता चलता है कि अधिकांश एससीबी के पास प्रतिकूल स्थिति में पर्याप्त मात्रा में अतिरिक्त पूंजी है. एफएसआर में अर्थव्यवस्था के बारे में कहा गया कि 2024-25 की पहली छमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि घटकर छह प्रतिशत पर आ गई, जो 2023-24 की पहली और दूसरी छमाही में क्रमशः 8.2 प्रतिशत और 8.1 प्रतिशत थी. 

जीडीपी की वृद्धि दर में सुधार होने की उम्मीद

आरबीआई ने कहा, ‘‘इस हालिया सुस्ती के बावजूद संरचनात्मक वृद्धि चालक बरकरार हैं. घरेलू चालक, मुख्य रूप से सार्वजनिक खपत और निवेश तथा मजबूत सेवा निर्यात के कारण 2024-25 की तीसरी और चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर में सुधार होने की उम्मीद है.’’ 

 

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