SAIL ने जर्मन तकनीक से बने LHB कोचों को ICF कोचों से बदलने की योजना के बाद से थफ व्हील का विकास शुरू किया था.
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नई दिल्ली: देश की सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी इस्पात उत्पादक कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (SAIL) ने भारतीय रेलवे की लिंके होफमैन बुस्च (एलएचबी) कोचों के लिए अत्याधुनिक एलएचबी व्हील्स (पहियों) की पहली खेप 25 मार्च, 2019 को रवाना की है. SAIL ने इस पहली खेप में 30 एलएचबी व्हील्स की आपूर्ति की है. SAIL ने जर्मन तकनीक से बने लिंके होफमैन बुस्च (एलएचबी) कोचों को इंटग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) कोचों से बदलने की योजना के बाद से एलएचबी व्हील का विकास शुरू किया था, जिसके बाद भारतीय रेलवे ने SAIL को ट्रायल रन के लिए 1000 एलएचबी व्हील्स का शुरुआती ऑर्डर दिया. SAIL ने भारतीय रेलवे को 30 एलएचबी व्हील्स की पहली खेप के साथ एलएचबी व्हील्स की आपूर्ति शुरू कर दी है.
ये व्हील एलएचबी कोचों की गुणवत्ता और विशेषता के हिसाब से ब्रॉड गेज पर हाईस्पीड आवागमन के लिए डिजाइन किए गए हैं. एलएचबी व्हील को SAIL के रिसर्च एंड डिवलपमेंट सेंटर फॉर आयरन एंड स्टील (आरडीसीआईएस) और रेलवे के रिसर्च डिजाइन एवं स्टैण्डर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) के मानक गुणवत्ता के आधार पर तैयार किया गया है, जो टकराव की स्थिति में ट्रेन को पलटने या घूमने से रोकने में सक्षम होंगे.
एलएचबी कोच में पहले से ही पलटने या मुड़ने की प्रतिरोधी क्षमता है. इसके साथ ही ये एलएचबी व्हील आधुनिक नूमैटिक डिस्क ब्रेक प्रणाली के अनुरूप हैं, जो तेज गति के दौरान अचानक और प्रभावी ब्रेक को सह सकें और जान तथा माल को असुविधा और नुकसान के बिना आपात स्थिति में रेल या मालगाड़ी को संभाल सकें. उत्पादन की प्रक्रिया और उत्पाद के मानकों की गुणवत्ता के लिए आरडीएसओ से पुष्टि हो गई है.
SAIL अध्यक्ष श्री अनिल कुमार चौधरी ने SAIL के दुर्गापुर इस्पात संयंत्र के कार्मिकों की इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा, “हमारा पूरा फोकस इस अत्याधुनिक एलएचबी व्हील्स की आपूर्ति जल्द से जल्द शुरू करने पर था ताकि हम भारतीय रेलवे की इस अत्याधुनिक ज़रूरत को घरेलू स्तर पर ही पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ पायें. मुझे पूरा विश्वास है कि भारतीय रेलवे को एलएचबी व्हील्स की घरेलू स्तर पर आपूर्ति आयात घटाने और विदेशी मुद्रा की बचत में मददगार होगी.”
SAIL करीब पाँच दशक से भारतीय रेलवे को व्हील एवं एक्SAIL मुहैया करा रहा है और रेलवे की जरूरतों के अनुसार, SAIL ने लोको व्हील विकसित किए हैं, जिन्हें पहले आयात किया जाता था. SAIL देश का एकमात्र फोर्ज्ड़ व्हील उत्पादक है, जिसकी वार्षिक क्षमता 70 हजार से भी अधिक फोर्ज्ड़ व्हील उत्पादन की है. इसके साथ ही मांग के अनुरूप अन्य डिजाइन और आकार के व्हील भी तैयार किए जाते हैं. हाल ही में SAIL ने कोलकाता मेट्रो के लिए भी व्हील की आपूर्ति की है.
SAIL के दुर्गापुर संयंत्र में भारतीय रेलवे के मानकों के अनुरूप प्रत्येक व्हील का 100 प्रतिशत परीक्षण किया जाता है, जिसमें दबाव सहने की क्षमता, तनाव और सहनशक्ति, सुदृढ़ता जांच, अल्ट्रासोनिक टेस्ट, फ्रैक्चर प्रतिरोधी ऊर्जा सहनशक्ति, चुम्बकीय क्षमता का निरीक्षण, सुदृढ़ता की ऑनलाइन जांच’ समावेश रेटिंग इत्यादि शामिल हैं. निर्माण की पूरी प्रकिया के दौरान हर व्हील को एक विशेष पहचान संख्या भी प्रदान की जाती है, जिससे बाज़ार के लिए निकलने वाला हर व्हील गुणवत्ता में उच्च कोटि का होता है.