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नई दिल्ली. भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. एक रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे से हर रोज तकरीबन 2.5 करोड़ लोग सफर करते हैं. ट्रेन में हर वर्ग का व्यक्ति सफर करता है. इससे बेहतर और सस्ता ट्रांसपोर्ट का कोई और ऑप्शन नहीं है, लेकिन रेलवे के कई ऐसे नियम हैं जिनके बारे में ज्यादातर लोग शायद नहीं जानते होंगे. आज हम ऐसे ही 10 नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें जानने के बाद आपकी रेल यात्रा और ज्यादा सुगम हो सकती है.
सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था के अनुसार, अगर सफर के दौरान आपका कोई सामान चोरी हो जाता है, तो आप रेलवे से मुआवजा ले सकते हैं. इसके लिए आपको रेलवे पुलिस को FIR के साथ एक फॉर्म भी देना पड़ता है, जिसमें इस बात का जिक्र होता है कि अगर 6 महीने के भीतर सामान नहीं मिला तो आप नुकसान की भरपाई के लिए उपभोक्ता फोरम भी जा सकते हैं. सामान की कीमत का आंकलन कर फोरम हर्जाने का आदेश रेलवे को देता है. इसमें महत्वपूर्ण नियम ये है कि FIR दर्ज करते ही GRP को यात्री से उपभोक्ता फोरम का फॉर्म भरवा लेना चाहिए.
रेल मंत्रालय के एक आदेश के मुताबिक, ट्रेन में अगर कोई भी 18 साल से कम उम्र का बच्चा बिना टिकट के सफर करते हुए पकड़ा जाता है, तो उससे टिकट चेकिंग स्टाफ जुर्माना नहीं लेगा, बल्कि सिर्फ किराया ही वसूल करेगा. इस नियम में यह भी बताया गया है कि अगर ऐसे बच्चे के खिलाफ कार्रवाई करनी है तो पहले रिपोर्ट तैयार करनी होगी और उसके बाद ही कार्रवाई की जा सकती है.
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रेलवे के एक नियम के अनुसार, अगर किसी यात्री के पास ऑनलाइन वेटिंग टिकट है तो वह ऑटोमैटिक कैंसिल हो जाता है और आप यात्रा नहीं कर पाएंगे. वेटिंग टिकट लेकर यात्रा करने पर कम से कम 250 रुपये का जुर्माना के अलावा पूरा किराया देना होगा और टीटीई अगले स्टेशन से उतार भी सकता है.
ट्रेन में सफर करते समय अगर आपके पास टिकट नहीं है या आप जिस क्लास के डिब्बे में सफर कर रहे हैं उसके हिसाब से से आपके टिकट नहीं है तो आप पर रेलवे एक्ट की धारा 138 के तहत कार्रवाई हो सकती है. इस धारा के तहत आपसे तय की गई यात्रा दूरी का रेलवे से निर्धारित साधारण किराया या जिस स्टेशन से ट्रेन छूटी है, वहां से तय दूरी का निर्धारित साधारण किराया और 250 रुपये की पेनल्टी ली जाएगी. साथ ही आपके पास किसी नीचे की क्लास का टिकट है तो किराए का अंतर भी आपसे वसूला जाएगा.
अगर कोई यात्री टिकट में छेड़छाड करके या किसी अन्य तरह की धोखेबाजी से यात्रा कर रहा है, तो उस पर रेलवे एक्ट की धारा 137 के तहत मुकदमा चलेगा. इसमें यात्री को छह महीने की जेल, 1000 रुपये जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं.
रेलवे परिसर में अनाधिकृत हॉकिंग या सामान बेचने पर रेलवे एक्ट की धारा 144 के तहत कार्रवाई हो सकती है. इसमें एक साल की जेल, 1000 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजाएं देने का प्रावधान है.
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अगर कोई यात्री ट्रेन की छत पर यात्रा करते हुए पकड़ा जाता है, तो रेलवे एक्ट की धारा 156 के तहत सजा दी जाएगी. इसके तहत 3 महीने की जेल या 500 रुपये जुर्माना या दोनों हो सकती है.
रेलवे के एक नियम के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति रेलवे परिसर में या ट्रेन पर पोस्टर चिपकाता है, तो उसके खिलाफ रेलवे एक्ट की धारा166 (बी) के तहत कार्रवाई होगी. इसके तहत 6 महीने की सजा या 500 रुपये जुर्माना या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं.
इसके अलावा रेलवे की टिकट दलाली या अवैध तौर पर टिकट बेचने पर रेलवे एक्ट की धारा 143 के तहत कार्रवाई होगी. इसमें 3 साल की जेल की सजा दी जा सकती है. इसके अलावा 10 हजार रुपये के जुर्माने या दोनों सजाएं भी दी जा सकती हैं.
अगर आपकी ट्रेन किसी प्राकृतिक आपदा या अन्य कोई दिक्कत की वजह से आपके डेस्टिनेशन से पहले समाप्त हो जाता है तो इसके लिए वैकल्पिक प्रंबध है, जिससे आप पैसों के लिए दावा कर सकते हैं.