वर्तमान में भारत का सालान निर्यात 321 अरब डॉलर का है.
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पणजी: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने रविवार को कहा कि सरकार की नयी नीतियों से निर्यात को अगले कुछ साल में दोगुना करना सुनिश्चित होगा. देश का कुल निर्यात अभी 321 अरब डॉलर का है. प्रभु दक्षिण गोवा के मड़गांव में निर्यात जांच एजेंसी के प्रयोगशाला परिसर तथा नये कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे. प्रभु ने कहा, ‘‘हमारी कोशिश है कि देश के मौजूदा 321 अरब डॉलर के निर्यात को कुछ साल में बढ़ाकर दोगुना कर दिया जाए. निर्यात की संभावना वाले मुख्य क्षेत्रों में मत्स्य भी शामिल है.’’उन्होंने कहा कि सरकार एक नयी कृषि नीति लेकर आयी है. इस नीति में पांच मुख्य क्षेत्रों कृषि, बागवानी, पौधरोपण, मत्स्य एवं मांस पर ध्यान दिया गया है.
प्रभु ने कहा, ‘‘इन सभी का निर्यात किया जाने वाला है. इसे अभी के 30 अरब डॉलर से बढ़ाकर 100 अरब डॉलर करने का लक्ष्य है. मत्स्य क्षेत्र देश में लाखों रोजगार पैदा कर सकता है.’’ उन्होंने कहा कि इस साल 15 जनवरी को घोषित विमान ढुलाई नीति से मछलियों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘‘गोवा से सब्जियां, फल, काजू तथा मछलियों का निर्यात किया जा सकता है. इसके लिये हम पहले ही समुद्री निर्यात विकास एजेंसी बना चुके हैं.’’उन्होंने कहा कि मोपा ग्रीनफील्ड हवाईअडड्डा से गोवा को नये अवसर मिलेंगे. इस हवाईअड्डा के 2020 तक परिचालन शुरू कर देने का अनुमान है.
2027 तक भारत की अर्थव्यवस्था 5000 अरब डॉलर की हो सकती है, मास्टर प्लान तैयार
पिछले दिनों सुरेश प्रभु ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि भारत में अगले सात से आठ साल में पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है. वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रभु ने कहा था कि उनके मंत्रालय ने विनिर्माण, सेवा और कृषि क्षेत्र पर ध्यान देते हुए इस लक्ष्य को संभव बनाने के लिए एक रूपरेखा तैयार की है. उन्होंने कहा था कि विनिर्माण क्षेत्र को निर्यात पर ध्यान देना चाहिए. यह गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा को लाएगा. हमारा कुल निर्यात करीब 500 अरब डॉलर का है और चुनौती इसे दोगुना करने की है.
(इनपुट-भाषा)