1 फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट में अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री ने वित्त मंत्रालय से 55 हजार करोड़ रुपये की मांग रखी है.
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समीर दीक्षित/ नई दिल्ली : 1 फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट में अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री ने वित्त मंत्रालय से 55 हजार करोड़ रुपये की मांग रखी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंत्रालय ने सरकार से हाउसिंग डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए इस रकम की मांग की है. सूत्रों ने यह भी बताया कि मंत्रालय ने बजट अनुदान को 30 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की है.
स्मार्ट सिटी व पीएम आवास योजना के लिए बजट बढ़ाना जरूरी
अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री ने अपनी मांग में वित्त मंत्रालय को बताया कि बढ़े हुए बजट फंड को पीएम मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी और पीएम आवास योजना में इस्तेमाल किया जाएगा. मंत्रालय के सूत्रों ने यह भी बताया कि सभी के लिए घर के सपने को साल 2022 तक पूरा करने के लिए भारी मात्रा में फंड की जरूरत पड़ेगी. इसके अलावा स्मार्ट सिटी के लिए फंड की जरूरत पड़ रही है.
2018 में 41,765 करोड़ का बजट आवंटित हुआ
बजट 2018 में मंत्रालय को 41,765 करोड़ का बजट आवंटित किया गया था. लेकिन अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री को अपने टारगेट पूरा करने के लिए और अधिक बजट की जरूरत है. इससे पहले यह भी खबर आई थी कि बजट 2019 में इनफॉर्मल सेक्टर को मोदी सरकार बड़ी सौगात दे सकती है. सरकार सूक्ष्म और लघु उद्योग में सोशल सिक्योरिटी को लेकर बड़े ऐलान कर सकती है.
सरकार चाहती है कि जो कम सैलरी पर काम करने वाले लोग हैं, उन्हें प्रोविडेंट फंड, इंश्योरेंस और पेंशन जैसी सुविधाएं मिलें. अभी तक ये सुविधाएं ऑर्गनाइज्ड सेक्टर को मिलती हैं. छोटी और मध्यम वर्ग की कंपनियां, जिनके कर्मचारियों की संख्या रजिस्टर नहीं होती और जिन कंपनियों में ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर काम करते हैं ऐसी कंपनियां इनफॉर्मल सेक्टर में शामिल होती हैं.