रिफाइंड तेलों पर सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई, कीमत पर क्या होगा असर?
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रिफाइंड तेलों पर सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई, कीमत पर क्या होगा असर?

Custom duty: सरकार की ओर से सर्कलर जारी होने के बाद इन कच्चे और रिफाइंड तेलों पर प्रभावी शुल्क क्रमशः 5.5 प्रतिशत से बढ़कर 27.5 प्रतिशत और 13.75 प्रतिशत से बढ़कर 35.75 प्रतिशत हो जाएगा. 

रिफाइंड तेलों पर सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई, कीमत पर क्या होगा असर?

Oil Price in India: केंद्र सरकार ने कच्चे पाम और रिफाइंड सूरजमूखी तेल पर सीमा शुल्क बढ़ाकर क्रमश: 20 प्रतिशत और 32.5 प्रतिशत कर दिया है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार, कच्चे पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी बीज के तेल पर मूल सीमा शुल्क शून्य से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. वहीं, रिफाइंड पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 32.5 प्रतिशत कर दिया गया है.

सरकार के इस फैसले पर केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि इससे किसानों को काफी लाभ होगा क्योंकि इससे उनकी आय बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि न्यूनतम निर्यात मूल्य हटाने और प्याज पर निर्यात शुल्क में कटौती के फैसले से देश के किसानों को भी मदद मिलेगी.

सरकार ने जारी किया सर्कुलर

सरकार की ओर से सर्कलर जारी होने के बाद इन कच्चे और रिफाइंड तेलों पर प्रभावी शुल्क क्रमशः 5.5 प्रतिशत से बढ़कर 27.5 प्रतिशत और 13.75 प्रतिशत से बढ़कर 35.75 प्रतिशत हो जाएगा. अधिकरी ने कहा है कि ये सोयाबीन और तिलहन किसानों के लिए बहुत बड़ी मदद है. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसानों को इससे बहुत लाभ होगा क्योंकि इन तिलहनों का उत्पादन यहां बहुत अधिक होता है. 

अधिकारी ने आगे कहा है कि ये उपाय सरकार के प्रभावी प्रबंधन के कारण संभव हो पाए हैं, जिससे पिछले करीब दो वर्षों से लगातार गिर रहीं खाद्य तेल की घरेलू कीमतों पर नियंत्रण रखा जा सके.

बाजार की धारणा को प्रभावित किए बिना सोया किसानों को समर्थन देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए ये बहुत ही समझदारी भरा कदम हैं. मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के अलावा अन्य प्रमुख तिलहन उत्पादक राज्य गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु हैं.

MEP की अनिवार्यता हटाई

सरकार ने इसस पहले न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) के रूप में 550 डॉलर प्रति टन तय किया था, जिसका अनिवार्य रूप से मतलब था कि किसान अपनी उपज इस दर से कम पर विदेशों में नहीं बेच सकते थे. शुक्रवार को जारी विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की अधिसूचना ने तत्काल प्रभाव से एमईपी को हटा दिया. सरकार ने प्याज के निर्यात पर शुल्क को 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया है.

(इनपुटः एजेंसी)

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