21 की उम्र में IPS और 22 में IAS, UPSC एस्पिरेंट्स के लिए मोटिवेशन है ये महिला अफसर
Advertisement
trendingNow12257429

21 की उम्र में IPS और 22 में IAS, UPSC एस्पिरेंट्स के लिए मोटिवेशन है ये महिला अफसर

Divya Tanwar Became IPS at Age 21: कोचिंग लेने का खर्च दिव्या के लिए मुमकिन नहीं था, लेकिन उन्होंने बहुत मेहनत की और टेस्ट सीरीज समेत कई तरह के ऑनलाइन रिसोर्सेज का इस्तेमाल किया. 

21 की उम्र में IPS और 22 में IAS, UPSC एस्पिरेंट्स के लिए मोटिवेशन है ये महिला अफसर

IAS Divya Tanwar Success Story: भारत में यूपीएससी सीएसई परीक्षा को सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. हर साल हजारों कैंडीडेट्स इस परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन कुछ ही सफल हो पाते हैं. ये परीक्षा उन लोगों के लिए सपना पूरा करने जैसा है जो देश सेवा करना चाहते हैं और लोगों का सम्मान हासिल करना चाहते हैं. ज़्यादातर उम्मीदवार कोचिंग क्लासेज की मदद से तैयारी करते हैं, लेकिन असल सफलता कड़ी मेहनत, लगन और सही रणनीति से मिलती है.

हर कोई इस कठिन परीक्षा में सफल नहीं हो पाता, ऐसे में उन छात्रों को मोटिवेशन की जरूरत होती है जो वाकई में सफल होना चाहते हैं. ऐसे में अफसर बनने का सपना पूरा करने वाले लोगों की सफलता की कहानियां से ज्यादा मोटिवेशनल और क्या हो सकता है? ये कहानियां हमें बताती हैं कि कड़ी मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है.

ये दृढ़ता (tenacity) की एक मोटिवेशनल स्टोरी है. हरियाणा के महेंद्रगढ़ की रहने वाली दिव्या तंवर उन उम्मीदवारों के लिए आदर्श हैं जो जीवन में लगन और सही स्ट्रेटजी को महत्व देते हैं. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूलों में की. इसके बाद, दिव्या को महेंद्रगढ़ के नवोदय विद्यालय को दाखिला लेने के लिए चुना. गरीबी से उठकर भारत की सबसे प्रतिष्ठित सरकारी नौकरी पाने तक का दिव्या का सफर वाकई कमाल का है. ये कहानी बताती है कि सरकारी स्कूल में पढ़कर भी आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं, बस जरूरत है दृढ़ता और जुनून की. दिव्या की ये सफलता यूपीएससी की तैयारी कर रहे कई स्टूडेंट्स को मोटिवेशन देती है.

कोचिंग लेने का खर्च दिव्या के लिए मुमकिन नहीं था, लेकिन उन्होंने बहुत मेहनत की और टेस्ट सीरीज समेत कई तरह के ऑनलाइन रिसोर्सेज का इस्तेमाल किया. उनकी मेहनत 2021 में रंग लाई, जब उन्होंने पहले अटेंप्ट में ही यूपीएससी की सबसे कठिन परीक्षा पास कर ली और 438वीं रैंक हासिल की. गौर करने वाली बात ये है कि मात्र 21 साल की उम्र में वो भारत की सबसे युवा IPS अधिकारी बनीं, लेकिन दिव्या की महत्वाकांक्षा यहीं नहीं रुकी. 22 साल की उम्र में उन्होंने 2022 में फिर से यूपीएससी सीएसई की परीक्षा दी और 105वीं रैंक हासिल की. आखिरकार उनकी लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति ने उन्हें बिना किसी कोचिंग के IAS बना दिया.

UPSC की परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है, जिसे पास कर के लोग IAS, IPS, IFS जैसे पदों को हासिल कर के देश सेवा का सपना पूरा करते हैं.

Trending news