Indians in Germany: ट्रेडिशनल यूनिवर्सिटीज 56 फीसदी छात्रों को आकर्षित करते हैं, जबकि 44 प्रतिशत अप्लाइड साइंस यूनिवर्सिटीज को चुनते हैं.
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Study in Germany: जर्मनी इंडियन स्टूडेंट्स के लिए पढ़ाई करने के लिए प्राइम लोकेशन बनता जा रहा है. भारतीय छात्र लगातार दूसरे साल जर्मनी में विदेशी छात्रों के सबसे बड़े ग्रुप के रूप में उभरे हैं. जर्मन अकादमिक एक्सचेंज सर्विस, डॉयचर एकेडेमिशर ऑस्टौशडिएनस्ट (DAAD) के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में भारतीय छात्रों की संख्या में 15.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. 2023-2024 के विंटर सेमेस्टर में, जर्मनी ने 49,483 भारतीय छात्रों की मेजबानी की.
डीएएडी की आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है: "जर्मनी में भारतीय छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी जारी है. पिछले पांच सालों में यह संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है. भारतीय छात्र अब लगातार दूसरे साल जर्मनी में सबसे बड़ी इंटरनेशनल कम्युनिटी बन गए हैं."
एकेडमिक डिसिप्लिन में एनरोलमेंट की बात करें तो इंजीनियरिंग के लिए प्राथमिकता दी जा रही है, जो कुल नामांकन का 60 फीसदी है. लॉ, मैनेजमेंटल और सोशल स्टडीज 21 प्रतिशत स्टूडेंट्स को अट्रेक्ट करते हैं, जबकि मैथ्स और नेचुरल साइंस 13 फीसदी का योगदान देते हैं. शेष 5 फीसदी स्टूडेंट्स अन्य क्षेत्रों में पढ़ाई करते हैं.
हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन के अलग अलग प्रकारों में एनरोलमेंट भी यूनिवर्सिटी और अप्लाइड साइंस यूनिवर्सिटीज के बीच विभाजित है. ट्रेडिशनल यूनिवर्सिटीज 56 फीसदी छात्रों को आकर्षित करते हैं, जबकि 44 प्रतिशत अप्लाइड साइंस यूनिवर्सिटीज को चुनते हैं, जो प्रक्टिकल ट्रेनिंग पर जोर देते हैं.
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छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण
जर्मनी किफायती ट्यूशन, रहने की उचित लागत और कई स्कॉलरशिप प्रदान करता है. इसके टॉप रैंक वाले विश्वविद्यालय, प्रसिद्ध STEM प्रोग्राम और विविध अंग्रेजी-शिक्षित कोर्स हाई क्वालिटी वाली एजुकेशन प्रदान करते हैं. इंटनेशनल स्टूडेंट्स प्रति सप्ताह 20 घंटे तक काम कर सकते हैं और 18 महीने के पोस्ट-स्टडी वर्क परमिट का लाभ उठा सकते हैं. सरल वीज़ा प्रक्रियाओं के साथ, जर्मनी एक स्वागत योग्य माहौल भी प्रदान करता है और अपने एजुकेशन सिस्टम में रिसर्च और प्रक्टिकल एक्सपीरिएंस पर जोर देता है.