UP Lok Sabha elections results 2024: हाल ही में खत्म हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा को उत्तर प्रदेश में पहले की तुलना में इस बार करीब 65 लाख कम वोट मिले, जबकि राज्य में वोटों की कुल संख्या में बढ़ोतरी हुई फिर भी बीजेपी का वोट शेयर (BJP Vote share) तेजी से घटा.
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UP Lok sabha chunav results 2024: 2024 के लोकसभा चुनावों में यूपी की जनता ने चौंकाने वाला जनादेश दिया है. अयोध्या, मथुरा और काशी जैसे धार्मिक और आध्यात्मिक चेतना वाले ऐतिहासिक और प्राचीन शहरों में भी सनातन, भगवा और भगवान की बात करने वाले दल बीजेपी (BJP) के वोट कम हुए हैं. राम की अयोध्या में बीजेपी हार गई. महादेव शिवशंभू शंकर की काशी और कृष्ण की मथुरा तो BJP जीत गई लेकिन दोनों सीटों पर उसके वोट शेयर में कमी आई. इसके अलावा तीर्थराज प्रयागराज यानी इलाहाबाद में भी बीजेपी का वोट शेयर घटा. यहां विश्लेषण यूपी की उन बेहद महत्वपूर्ण सीटों का जहां भले ही बीजेपी जीती हो या हारी दोनों सूरतों में उसका वोट शेयर घटा.
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क्या कहते हैं गिरावट के आंकड़े?
2024 में बीजेपी को मिले वोटों की 2019 के वोट शेयर से तुलना करें तो पांच साल पहले उत्तर प्रदेश में बीजेपी का वोट शेयर 49.6% था. वहीं 2024 में ये 41.4 फीसदी रह गया. पिछली बार बीजेपी को यूपी में 4.3 करोड़ वोट मिले थे. लेकिन 2024 में वोटरों की संख्या बढ़ने के बावजूद बीजेपी को नुकसान हुआ. इस हिसाब से बीजेपी ने यूपी में अपने वोट शेयर में 2019 की तुलना में बड़ी गिरावट देखी.
80 में से 75 सीटों की बात करें बीजेपी के वोटों की संख्या में कुछ हजार वोटों से लेकर 2.2 लाख तक की गिरावट दर्ज हुई. यूपी में इस बार उसे करीब 65 लाख कम वोट मिले.
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक जिन सीटों में इस बार भाजपा को कम वोट मिले उनमें पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी, योगी का गृह क्षेत्र गोरखपुर, राजनाथ सिंह का निर्वाचन क्षेत्र लखनऊ, हेमामालिनी का निर्वाचन क्षेत्र मथुरा और अयोध्या (फैजाबाद) सीट के अलावा मेरठ, अमेठी, सुल्तानपुर और रायबरेली का भी नाम है.
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अपवाद रहे ये तीन जिले
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर में आने वाले नोएडा यानी गौतम बुद्ध नगर संसदीय सीट, बरेली और कौशांबी ये तीन अकेले निर्वाचन क्षेत्र थे जहां भाजपा को यूपी में पिछली बार की तुलना में अधिक वोट मिले.
UP Lok Sabha Election Result 2024: हालात यानी वोट शेयर न सुधरा तो 2027 में होगी दिक्कत
आज से करीब ढाई साल बाद यूपी में एकबार फिर से चुनावी बिगुल बजेगी. वो मौका होगा उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का. तब क्या समीकरण बनेंगे और ऊंट किस करवट बैठेगा कहना जल्दबाजी होगी, फिलहाल राजनीति के जानकारों ने चुनाव नतीजों के निहितार्थ निकालने शुरू कर दिए हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ग्राउंड पर काम नहीं हुआ. लोगों की दिक्क्तें दूर नहीं हुईं तो 2027 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हैट्रिक लगाने का सपना साकार होने में दिक्कतें आ सकती हैं.
यूपी की 75 सीटों में से 12 पर भाजपा के वोटों में एक लाख से अधिक की गिरावट आई. जिनमें पश्चिमी यूपी की मथुरा, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर और फतेहपुर सीकरी और पूर्वी यूपी में गोरखपुर सीट भी शामिल रही. अन्य 36 सीटों पर गिरावट 50000 से एक लाख के बीच थी. इस कैटेगिरी में अमेठी, रायबरेली, इलाहाबाद, गाजियाबाद, मैनपुरी और वाराणसी शामिल हैं. गौरतलब है कि वाराणसी में पीएम मोदी को पिछली बार की तुलना में इस बार करीब 60000 वोट कम मिले.