Mandi Lok Sabha Chunav 2024: बॉलीवुड 'क्वीन' कंगना रनौत जब से राजनीति में आई हैं, लगातार उनके भाषण चर्चा में बने हुए हैं. कांग्रेस की तरफ से विक्रमादित्य सिंह ने मोर्चा खोल रखा है. अब कंगना ने पहाड़ी थप्पड़ की बात करते हुए बिगड़ैल शहजादा तंज कसा है.
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Mandi Lok Sabha Chunav 2024: हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट पर वोटिंग की तारीख नजदीक आते ही नेताओं के तीखे हमले बढ़ गए हैं. अब वार-पलटवार 'तू-तड़ाक' पर पहुंच गई है. भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत ने कांग्रेस के अपने प्रतिद्वंद्वी विक्रमादित्य सिंह को 'बिगड़ैल शहजादा' कहते हुए पहाड़ी थप्पड़ की बात कर डाली. एक सभा में उन्होंने कहा, 'शर्म कर ले विक्रमादित्य, तुझे इतनी शर्म नहीं है. आज अगर तेरे पिताजी होते तो तुझे थप्पड़ लगाकर कहते कि माफी मांग... ऐसा बिगड़ा हुआ जो शहजादा है.'
बेटियों का भाव पूछने वालों को 4 जून को जनता देगी करारा जवाब pic.twitter.com/y6n4hHIShI
— Kangana Ranaut (Modi Ka Parivar) (@KanganaTeam) May 21, 2024
विक्रमादित्य ने कही थी शुद्धिकरण वाली बात
उन्होंने आगे कहा कि शायद उनकी मां ने उन्हें महिलाओं का सम्मान करना नहीं सिखाया. विक्रमादित्य सिंह छह बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह और मंडी से सांसद, प्रदेश कांग्रेस की प्रमुख प्रतिभा सिंह के बेटे हैं. कंगना रनौत विक्रमादित्य के उस बयान पर जवाब दे रही थीं जिसमें विक्रमादित्य ने कहा था कि कंगना ने जिन मंदिरों में दर्शन किए, उनका शुद्धिकरण करना होगा.
ऐसा पहाड़ी थप्पड़ पड़ेगा...
कंगना ने सभा में कहा, 'इसने बड़ी गलत बातें मुझे कही हैं. कांग्रेस वालों ने भी बोला कि हिमाचल की लड़कियों के रेट क्या हैं. मैं तो कहती हूं कि पहाड़ी लड़कियों के हाथों में कितना दम है. यहां ये चंपू दिखें तो ऐसा पहाड़ी थप्पड़ पड़ेगा कि लड़कियों के तो छोड़ो ये सब्जियों के भाव पूछना भूल जाएंगे. एक पहाड़ी चपेट अगर इनको पड़ गई.' कंगना ने खुद अपनी स्पीच का वीडियो शेयर किया है.
हिमाचल प्रदेश की सभी चार लोकसभा सीटों पर एक जून को मतदान होगा. कांग्रेस विधायकों की अयोग्यता के बाद खाली हुई छह विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी हो रहा है.
इससे पहले कंगना रनौत को लाहौल-स्पीति के काजा में स्थानीय लोगों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए. भाजपा की हिमाचल प्रदेश इकाई ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई है. इसमें निर्वाचन अधिकारियों के तबादले और घटना की जांच की मांग की गई है कि आखिर भाजपा और कांग्रेस दोनों को बिल्कुल पास में ही रैलियां करने की अनुमति कैसे दे दी गई?