Jewish Girl Raped In France: फ्रांस में 12-13 साल के लड़कों पर एक यहूदी बच्ची का बलात्कार करने का आरोप है. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों को पीड़िता के धर्म से नफरत थी इसलिए उसे शिकार बनाया.
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Antisemitism In France: फ्रांस में यहूदियों के प्रति नफरत अब अपराध की वजह बनने लगी है. कौरबेवॉये शहर में 12 साल की मासूम बच्ची के बलात्कार ने देश को झकझोर कर रख दिया. आरोपियों की उम्र 12 से 13 साल के बीच है. इतनी कम उम्र में उनके दिमाग में किसी धर्म के प्रति इतनी नफरत कैसे भर गई कि वहशी दरिंदे बन गए. पुलिस ने इसे 'हेट क्राइम' माना है. मासूम की गलती बस इतनी थी कि वह यहूदी परिवार में पैदा हुई थी.
घटना पिछले शनिवार की है. पीड़ित बच्ची एक पार्क में बैठी थी, तभी तीन लड़के उसके पास आए. उनमें से दो की उम्र 13 साल और एक की उम्र 12 साल थी. पीड़िता उनमें से एक को पहले से जानती थी. उसने पुलिस को बताया कि लड़के उसे घसीटते हुए एक सुनसान जगह ले गए. यहूदियों को खूब गालियां दीं और फिर बच्ची का बलात्कार किया.
पुलिस ने तीनों लड़कों को गिरफ्तार कर लिया है. उनमें से दो के खिलाफ गैंगरेप, यहूदी विरोधी आपत्तिजनक टिप्पणियों, हिंसा और जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक लड़के ने बच्ची को धमकाया कि अगर वह पुलिस के पास गई तो उसको जान से मार देंगे.
वीभत्स घटना के विरोध में बुधवार को सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए. भीड़ में से कई लोगों ने तख्तियां पकड़ रखी थीं, जिनमें से कुछ पर नारा लिखा था, 'यहूदी होने के कारण उसका बलात्कार किया गया.' एक बैनर पर लिखा था, 'यह आपकी बहन भी हो सकती थी.'
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मैक्रों ने भी जाहिर की चिंता
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि फ्रांस के स्कूलों को 'यहूदी-विरोधी भावना के अभिशाप' से खतरा है. मैक्रों ने शिक्षा मंत्री को निर्देश दिए कि अगले कुछ दिन तक स्कूलों में नस्लवाद और यहूदियों के प्रति नफरत जैसे विषयों पर चर्चा हो. मैक्रों के मुताबिक, ऐसा करना जरूरी है कि स्कूलों में 'नफरत भरी बातों' को घुसने से रोका जा सके, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
इंटीरियर मिनिस्टर गेराल्ड डर्मैनिन ने हमले को 'भयानक' बताया. उन्होंने कहा कि पुलिस इस तरह की हिंसा को रोकने में अपनी क्षमता में सीमित है. उन्होंने एक टीवी चैनल पर कहा, 'यह माता-पिता की समस्या है... अधिकारियों की. यह पूरे समाज की समस्या है.'
प्रधानमंत्री गेब्रियल अट्टल ने इस हमले को 'बिल्कुल घृणित, असहनीय और अवर्णनीय' बताया. उन्होंने TF1 से कहा, 'दुर्भाग्य से, 7 अक्टूबर के बाद से हमारे देश में यहूदी-विरोधी भावना फिर से बढ़ गई है. जैसा अट्टल ने कहा, फ्रांस में यहूदियों को टारगेट कर हुआ यह पहला अपराध नहीं है. 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले और फिर गाजा में जवाबी कार्रवाई से फ्रांस का माहौल बिगड़ा है.
देश में यहूदी संस्थाओं की परिषद (CRIF) ने जनवरी 2024 की रिपोर्ट में कहा है कि 2022 और 2023 के बीच फ्रांस में यहूदी विरोधी घटनाओं में 284% का इजाफा हुआ है. इनमें से लगभग 13 प्रतिशत घटनाएं स्कूलों के भीतर हुईं.
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फ्रांस में 30 जून और 7 जुलाई को होने वाले संसदीय चुनावों के लिए जोरदार प्रचार अभियान चल रहा है. मैक्रों ने दो हफ्ते पहले अचानक चुनाव की घोषणा कर दी थी. देश की प्रमुख दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी ने सुरक्षा और इमिग्रेशन को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की है.