Board Exams 2019: हंसते-खेलते करें बोर्ड एग्जाम्स की तैयारी, तनाव पड़ सकता है रिजल्ट पर भारी
"पैरेंट्स को सकारात्मक रहना चाहिए. बच्चों का साथ दें, पढ़ाई में उनकी मदद करें, रोक-टोक नहीं करनी चाहिए. ध्यान रखें कि बच्चा परेशान न हो."
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नई दिल्लीः अधिकतर पैरेंट्स सोचते हैं कि बच्चा अगर पढ़ाई को लेकर तनाव नहीं ले रहा है तो इसका मतलब है कि वह एग्जाम्स को सीरियस नहीं ले रहा, लेकिन इसके उलट डॉ. पारेख कहते हैं, "हंसते-खेलते पढ़ाई करें और हंसते-खेलते एग्जाम दें, क्योंकि जब हम तनाव कम रखते हैं, तो मार्क्स ज्यादा आते हैं. पढ़ाई के दिनों में खेल-खेलने से भी अच्छे मार्क्स आते हैं, क्योंकि आप रिलेक्स होते हैं. इस तरह की चीजों को बच्चों को महत्व देना चाहिए." उन्होंने आगे कहा, "जीवनशैली अच्छी करें, आउटडोर एक्टीविटी करें, दूसरों से तुलना न करें, सेल्फ टेस्ट लेने से मानसिक तनाव दूर होता है. तनाव महसूस कर रहे हैं तो पैरेंट्स से बात करें, रिलेक्स रहें." परीक्षा के दौरान माता-पिता की भूमिका के बारे में डॉ. समीर ने कहा, "पैरेंट्स को सकारात्मक रहना चाहिए. बच्चों का साथ दें, पढ़ाई में उनकी मदद करें, रोक-टोक नहीं करनी चाहिए. ध्यान रखें कि बच्चा परेशान न हो. अगर तनाव में है तो तनाव कम करने में मदद करें, आत्मविश्वास दिलाएं."