Knowledge: इतनी महंगाई में भी यहां के लोग नहीं करते दूध का व्यापार, मुफ्त बांट देते हैं दही और लस्सी!
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Knowledge: इतनी महंगाई में भी यहां के लोग नहीं करते दूध का व्यापार, मुफ्त बांट देते हैं दही और लस्सी!

Free Milk Distribution Tradition: इन दिनों कहीं 70 रुपये तो कहीं 80 रुपये लीटर बिक रहा है. वहीं, एक जगह ऐसी है जहां इसे नहीं बेचा जाता. आइए जानते हैं कि वह कौन सा गांव है और वहां दूध फ्री में क्यों मिलता है? 

Knowledge: इतनी महंगाई में भी यहां के लोग नहीं करते दूध का व्यापार, मुफ्त बांट देते हैं दही और लस्सी!

Free Milk Distribution Tradition: देश में तेजी से बढ़ती महंगाई बढ़ती ने लोगों का बजट बिगाड़ रखा है. खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. दूध के रेट का तो पूछो ही मत आए दिन इसकी कीमत में इजाफा हो रहा है. ग्रामीण इलाकों मे भी दूध 50 से 60 रुपये लीटर मिल रहा है.

गरीबों के लिए पहले ही आसान नहीं था, अब अपने बच्चों के लिए इतना महंगा दूध खरीद पाना बेहद उनके लिए और मुश्किल है. ऐसे मेंआपको जानकर हैरानी होगी कि देश में अब भी एक ऐसा गांव मौजूद है, जहां लस्सी और दूध जैसी महंगी चीजें मुफ्त में मिलती है. 

यहां फ्री में मिलती है दूध और लस्सी 
देश को सबसे ज्यादा पहलवान देने वाले राज्य हरियाणा में मौजूद है ऐसा गांव. भिवानी के पास एक ऐसा गांव है जहां लगभग 750 घर बने हैं, जिसे नाथुवास गांव के नाम से जाना जाता है. नाथुवास के हर घर में 2 से 3 गाय और भैंसे हैं. बावजूद इसके यहां कोई भी परिवार दूध का व्यापार नहीं करता है. किसी और को भी जरूरत होती है तो दूध ऐसे ही दिया जाता है, उसके दाम नहीं लिए जाते. 

जानें क्यों दूध नहीं बेचा जाता यहां
स्थानीय निवासियों के मुताबिक बात आज से करीब 150 साल पहले की है, जब इस गांव में एक भयंकर महामारी फैली गई थी. इस महामारी की चपेट में आकर एक-एक करके जानवर मरने लगे थे. तब गांव के एक महंत ने जिंदा बचे जानवरों को एक पेड़ से बांध दिया और ग्रामीण को कहा कि आज के बाद गांव में दूध और उससे बनी चीजों का व्यापार नहीं किया जाएगा. गांव वालों ने महंत की बात मान ली और दूध बेचना बंद कर दिया, जिसके बाद धीरे-धीरे सब ठीक होने लगा. इस घटना के बाद अगर यहां किसी ने दोबारा दूध बेचने की कोशिश भी की तो उस व्यक्ति के साथ कोई अनहोनी हो जाती थी. 

150 साल पुरानी परंपरा के फायदे? 
तब से लेकर अब तक यहां दूध नहीं बेचा जाता. अब इसे आस्था कहे या अंधविश्वास, लेकिन लोग कहते हैं कि तब से जानवरों में कोई महामारी नहीं आई है. इस परंपरा के चलते गांव में शादी या इवेंट में फ्री में दूध मिल जाता है. गांव के बच्चों को पीने के लिए भरपूर और बिना मिलावट का दूध  मिलता है, जो उनकी सेहत के लिए बहुत अच्छा है.

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