नई शिक्षा नीति को लेकर सुझाव देने की अवधि बढ़ाई गई, HRD मंत्री निशंक ने दी जानकारी
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नई शिक्षा नीति को लेकर सुझाव देने की अवधि बढ़ाई गई, HRD मंत्री निशंक ने दी जानकारी

निशंक ने राज्यसभा में  प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में बताया कि प्रस्तावित शिक्षा नीति के मसौदे पर पिछले चार साल से सार्वजनिक चर्चा का दौर जारी है. मसौदे को अंतिम रूप देने से पहले इस पर सभी पक्षों के सुझाव प्राप्त करने की अवधि एक महीने बढ़ायेंगे. 

जिन बच्चों को शिक्षा नहीं मिली है उनकी लिस्ट तैयार की जा रही है. (फाइल)

नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry) ने नयी शिक्षा नीति के मसौदे पर सभी पक्षों के विचार और सुझाव प्राप्त करने की अवधि में एक महीने का इजाफा किया है. केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने राज्यसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में बताया कि प्रस्तावित शिक्षा नीति के मसौदे पर पिछले चार साल से सार्वजनिक चर्चा का दौर जारी है. मसौदे को अंतिम रूप देने से पहले इस पर सभी पक्षों के सुझाव प्राप्त करने की अवधि एक महीने बढ़ायेंगे. 

सभी को निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार कानून 2009 के तहत निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिये आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों पर दाखिले का ब्योरा देते हुये निशंक ने बताया कि पिछले पांच साल में आरक्षित सीटों पर दाखिला पाने वाले बच्चों की संख्या 18 लाख से बढ़कर 41 लाख हो गयी है. उन्होंने एक पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि देश भर के निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिये आरक्षित सीटों पर 2014 में 18 लाख बच्चों को दाखिला मिला था. यह संख्या 2015 में 24 लाख, 2016 में 29 लाख, 2017 में 34 लाख और 2018-19 में 41 लाख हो गयी है. 

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शिक्षा के अधिकार से वंचित बच्चों की पहचान कर सूचीबद्ध करने से जुड़े एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में निशंक ने बताया कि सबके लिए अनिवार्य शिक्षा कानून का पालन सुनिश्चित करने के तहत शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों और इस अधिकार से वंचित बच्चों की ग्राम पंचायत स्तर पर सूचियां बनायी जा रही हैं. यह काम पंचायत स्तर पर गठित शिक्षा समितियां कर रही है.

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