कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के एक बयान ने हाल ही में सनसनी मचा दी. लोग अब उनसे पद्मश्री वापस लेने की बात कर रहे हैं. इस बीच एक्ट्रेस ने एक खुला चैलेंज दे दिया है.
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नई दिल्ली: भारत की आजादी को 'भीख' बताने पर लोगों की आलोचना झेल रहीं अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने शनिवार को पूछा कि 1947 में कौन सी लड़ाई लड़ी गई थी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई उनके सवाल का जवाब दे सके तो वह अपना पद्मश्री सम्मान लौटा देंगी और माफी भी मांगेंगी.
अक्सर अपनी भड़काऊ टिप्पणियों को लेकर चर्चा में रहने वाली एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने इंस्टाग्राम पर कई सवाल उठाते हुए विभाजन और महात्मा गांधी का भी जिक्र किया तथा आरोप लगाया कि उन्होंने भगत सिंह को मरने दिया और सुभाष चंद्र बोस का समर्थन नहीं किया. उन्होंने बाल गंगाधर तिलक, अरबिंदो घोष और बिपिन चंद्र पाल समेत कई स्वतंत्रता सेनानियों को उद्धृत करते हुए एक किताब का अंश भी साझा किया और कहा कि वह 1857 की 'स्वतंत्रता के लिए सामूहिक लड़ाई' के बारे में जानती थीं लेकिन 1947 के लड़ाई के बारे में कुछ नहीं जानती थीं.
34 साल की कंगना (Kangana Ranaut) ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज में अंग्रेजी में एक लंबी पोस्ट में लिखा, 'सिर्फ सही विवरण देने के लिए... 1857 स्वतंत्रता के लिए पहली सामूहिक लड़ाई थी और सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और वीर सावरकर जी जैसे महान लोगों ने अपना दिया.'उन्होंने लिखा, '1857 मुझे पता है लेकिन 1947 में कौन सा युद्ध हुआ था, मुझे पता नहीं है, अगर कोई मुझे अवगत करा सकता है तो मैं अपना पद्मश्री लौटा दूंगी और माफी भी मांगूंगी. कृपया इसमें मेरी मदद करें.'
अभिनेत्री ने बुधवार शाम को एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि भारत को '1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और 'जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई.' कंगना (Kangana Ranaut) के इस बयान पर काफी बवाल मच गया और कई लोग तो उनके घर के आगे प्रदर्शन करने लगे.
कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पदमश्री से सम्मानित किये जाने के दो दिन बाद यह विवादित टिप्पणी की जिसे लेकर तमाम दलों के नेता, इतिहासकार, शिक्षाविद, साथी कलाकार समेत विभिन्न लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी और कई लोगों ने कहा कि उन्हें अपना सम्मान वापस कर देना चाहिए.
अपनी 2019 में आई फिल्म 'मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी' का संदर्भ देते हुए एक्ट्रेस ने कहा कि उन्होंने 1857 के संघर्ष पर व्यापक शोध किया था. फिल्म में कंगना (Kangana Ranaut) ने रानी लक्ष्मीबाई का किरदार निभाया था. कंगना ने कहा, 'राष्ट्रवाद का उदय हुआ, साथ ही दक्षिणपंथ का भी लेकिन उसकी अकाल मृत्यु क्यों हुई? और गांधी ने भगत सिंह को क्यों मरने दिया. नेता बोस को क्यों मारा गया और उन्हें गांधी जी का समर्थन कभी नहीं मिला? विभाजन की रेखा एक श्वेत आदमी द्वारा क्यों खींची गई थी? आजादी का जश्न मनाने के बजाय भारतीयों ने एक-दूसरे को क्यों मारा, कुछ जवाब जो मैं मांग रही हूं कृपया मुझे ये जवाब खोजने में मदद करें.'
रनौत (Kangana Ranaut) ने कहा कि अगर कोई उन्हें सवालों के जवाब खोजने में मदद कर सकता है और यह साबित कर सकता है कि उन्होंने शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है, तो वह अपना पद्म श्री वापस कर देंगी. उन्होंने कहा, 'जहां तक 2014 में आजादी का संबंध है, मैंने विशेष रूप से कहा था कि भौतिक आजादी हमारे पास हो सकती है लेकिन भारत की चेतना और विवेक 2014 में मुक्त हुआ... एक मृत सभ्यता जीवित हो उठी और अपने पंख फड़फड़ाए और अब ऊंची उड़ान भर रही है.'
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