मैडम तुषाद संग्रहालय में अनारकली वाली मुस्कान बिखेरेंगी मधुबाला
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मैडम तुषाद संग्रहालय में अनारकली वाली मुस्कान बिखेरेंगी मधुबाला

मधुबाला ने लंबी बीमारी के बाद 23 फरवरी, 1969 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. 

 मधुबाला का बचपन का नाम 'मुमताज़ बेग़म जहां देहलवी' था.

मुंबई:  बॉलीवुड के स्वर्ण युग की दिवंगत अभिनेत्री मधुबाला का मोम का पुतला अब मैडम तुसाद संग्रहालय का हिस्सा बनेगा. यह मोम का पुतला वर्ष 1960 की मशहूर फिल्म 'मुगल-ए-आजम' के अनारकली के किरदार से प्रेरित होगा. मर्लिन एंटरटेनमेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निर्देशक और महाप्रबंधक अंशुल जैन ने कहा, "हम खुश हैं कि दिल्ली के मैडम तुसाद में मधुबाला का पुतला लगाया जा रहा है. वह अब भी पूरे देशभर में अरबों प्रशंसकों के दिलों पर राज कर रही हैं. हमें यकीन है कि उनकी चुंबकीय सुंदरता प्रशंसकों को उनके साथ एक सेल्फी लेने के लिए आकर्षित करेगी और हमें सुनहरे युग में ले जाएगी."

वर्ष 1933 में जन्मी मधुबाला में 1942 से लेकर 1962 तक काम किया. उन्हें अक्सर हिंदी सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित महिला सेलिब्रिटी के रूप में माना जाता है. वह 'महल' (1949), 'अमर' (1954), 'मिस्टर एंड मिसेज 55' (1955), 'चलती का नाम गाड़ी' (1958), 'मुगल-ए-आजम' (1960) और 'बरसात की रात' (1960) जैसी फिल्मों में अपने जलवे बिखेर चुकी हैं.

मधुबाला ने लंबी बीमारी के बाद 23 फरवरी, 1969 को  इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.संग्रहालय में वह श्रेया घोषाल, आशा भौंसले,सुपर स्टार अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान जैसे सितारों के साथ अपनी खूबसूरती के रंग बिखेरेंगी.

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