Interview: 10 साल नौकरी के बाद सिंगर आनंद भास्कर ने ली म्यूजिक इंडस्ट्री में एंट्री, बताया कैसे मिला था ब्रेक
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Interview: 10 साल नौकरी के बाद सिंगर आनंद भास्कर ने ली म्यूजिक इंडस्ट्री में एंट्री, बताया कैसे मिला था ब्रेक

Anand Bhaskar Exclusive: सिंगर और कंपोजर आनंद भास्कर विज्ञापन से लेकर फिल्मों और वेब सीरीज तक के लिए काम कर चुके हैं. 'जी न्यूज' को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू देते हुए उन्होंने अपनी जर्नी के बारे में बताया. साथ ही सितारों के साथ काम करने का एक्सपीरियंस भी शेयर किया.

Interview: 10 साल नौकरी के बाद सिंगर आनंद भास्कर ने ली म्यूजिक इंडस्ट्री में एंट्री, बताया कैसे मिला था ब्रेक

Anand Bhaskar Exclusive: म्यूजिक कंपोजर और सिंगर आनंद भास्कर (Anand Bhaskar) आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. शुरुआत से उनके मन में संगीत का ख्याल बसता था. मगर कुछ कारणों की वजह से उन्होंने पढ़ाई-लिखाई पूरी करने के बाद नौकरी करना शुरू कर दिया. 'जी न्यूज' को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू देते हुए उन्होंने बचपन, जर्नी से लेकर अपकमिंग प्रोजेक्ट्स तक के बारे में ढेर सारी बातें की.

पेरेंट्स ने हमेशा से किया सपोर्ट

बचपन से ही आनंद म्यूजिक इंडस्ट्री में आना चाहते थे. वो बताते हैं कि शुरुआत से पेरेंट्स ने उनका सपोर्ट किया. लेकिन मिडिल क्लास फैमिली से होने की वजह से उन्होंने अपना फोकस पढ़ाई पर रखा. स्कूल के बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए जाते वक्त भी आनंद की मां ने उन्हें सलाह दी कि म्यूजिक पर फोकस करो. पर, सोसाइटी की वजह से उन्होंने पढ़ाई करने का फैसला लिया. हालांकि, वो बताते हैं कि यह बात उन्हें शुरुआत से मालूम थी कि उन्हें एक ना एक दिन इसी फील्ड के लिए काम करना है. 

10 साल नौकरी करने के बाद ली एंट्री

आनंद भास्कर ने 10 साल तक एडवरटाइजिंग कंपनी के साथ काम किया.वो वाइट प्रेसिडेंट के पद पर काम कर रहे थे. साल 2014 में उन्होंने रिजाइन देने का फैसला लिया.  वो बताते हैं, "मेरे बॉस ने मुझे कुछ ऐसा कहा कि मुझे लगा कि एक कंपनी के लिए कितना भी काम किया जाए, पर आपको रिप्लेस किया जा सकता है. मैंने सोचा कि जो मेहनत यहां करता हूं, वो म्यूजिक पर क्यों नहीं. मैंने अपनी पत्नी को फोन किया और कहा कि मेरे से अब ये नहीं होगा. वाइफ ने भी सपोर्ट किया और कहा तुम छोड़ दो." 

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

 

आनंद भास्कर का पहला प्रोजेक्ट 

अपने पहले प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए आनंद भास्कर कहते हैं, "मैंने जब पहले प्रोफेशनली म्यूजिक की शुरुआत करने का फैसला लिया था, तो मैंने सोचा कि पहले सिंगिंग जॉब ढूंढता हूं. बाद में कोम्पोजिंग के लिए प्रोजेक्ट की तलाश कर लूंगा. उन्होंने विज्ञापन के लिए काम करना शुरू किया." 
उनका एक बैंड भी था जो धीरे-धीरे वायरल हो रहा था. कहीं से उनके काम को मिर्जापुर के लिए रेकेमेंड किया गया. मिर्जापुर के 1 सीजन के लिए उन्होंने काम किया. इसके अलावा वो बॉम्बे बेमगम , डॉक्टर अरोड़ा, मासूम जैसी सीरीज के लिए काम कर चुके हैं.

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

 

सेलेब्स के साथ काम करने का एक्सपीरियंस

सितारों के साथ काम और मुलाकात कर अपने एक्सपीरियंस  के बारे में वो कहते हैं, "अली फजल बहुत स्वीट हैं. अरशद वारसी बहुत हंसमुख हैं. विशाल ददलानी बहुत जैनटल और स्वीट हैं. इम्तिआज़ अली के साथ काम करने का तजुर्बा भी बहुत स्मूथ था. वो आपके स्किल्स पर विश्वास रखते हैं."

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

 

नेपोटिज्म पर कही ये बात

आनंद भास्कर नेपोटिज्म पर बात करते हुए कहते हैं कि उन्हें यह कॉन्सेप्ट समझ नहीं आता है. उनका मानना है कि इनसाइडर और आउटसाइडर जैसी बातें नहीं होनी चाहिए. सभी अपना बिजनेस मेहनत से बनाते हैं और चाहते हैं कि बाद में परिवार उसे आगे बढ़ाए.

बता दें कि 'शोटाइम' के बाद आनंद मनीष मल्होत्रा के प्रोडक्शन हाउस की 'ट्रेन फ्रॉम छपरौला', 'पान पर्दा जर्दा' और 'मिर्जापुर सीजन 3' जैसे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. 

 

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