Analysis: महाराष्ट्र में BJP की रिकॉर्ड जीत, देवेंद्र फडणवीस ने लिया RSS का पूरा साथ और कैसे पलट दी बाजी?
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Analysis: महाराष्ट्र में BJP की रिकॉर्ड जीत, देवेंद्र फडणवीस ने लिया RSS का पूरा साथ और कैसे पलट दी बाजी?

How Devendra Fadnavis Took Full Support Of RSS: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे ने भाजपा और महायुति के समर्थकों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है. लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे के मुकाबले पूरी बाजी पलटती हुई दिखी है. राजनीति के जानकार महाराष्ट्र में भाजपा की रिकॉर्ड जीत के लिए देवेंद्र फडणवीस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से मिले भरपूर सहयोग को क्रेडिट दे रहे हैं.

Analysis: महाराष्ट्र में BJP की रिकॉर्ड जीत, देवेंद्र फडणवीस ने लिया RSS का पूरा साथ और कैसे पलट दी बाजी?

How BJP Record Win In Maharashtra: महाराष्ट्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2024 की रिकॉर्ड जीत से साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन का गम मिटा दिया है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे से शनिवार को भाजपा (BJP) और महायुति (Mahayuti) के समर्थकों के चेहरे खिल गए. महाराष्ट्र की सत्ता में महायुति के बरकरार रहने का जनादेश मिल गया है.

महाराष्ट्र में किस-किस के सिर भाजपा की रिकॉर्ड जीत का सेहरा?

चुनाव आयोग के अब तक सामने आए आंकड़े के मुताबिक, महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में महायुति 223 सीटें जीतते दिख रही है. वहीं, भाजपा अकेले 129 सीटों पर आगे है. राजनीति के जानकार देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से उनको मिले भरपूर सहयोग को महाराष्ट्र में भाजपा की रिकॉर्ड जीत का क्रेडिट दे रहे हैं. आइए, जानते हैं कि साल भर से भी कम समय में फडणवीस ने कैसे पूरी सियासी बाजी पलट दी?

पीएम मोदी का नारा दोहराया, नतीजे से पहले संघ प्रमुख से मुलाकात

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की बढ़त पर देवेंद्र फडणवीस ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा ‘एक हैं तो सेफ हैं' को दोहराया. इसके साथ ही उन्होंने 'मोदी है तो मुमकिन है' का मशहूर नारा भी जोड़ दिया. वहीं, भाजपा के पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय नागपुर दक्षिण पश्चिम सीट से जीते फडणवीस ने चुनाव से पहले, प्रचार अभियान के दौरान और नतीजे से ठीक पहले संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत समेत कई पदाधिकारियों से मुलाकात से अपनी रणनीति जाहिर कर दी.

महाराष्ट्र में तेज हुई देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की मांग

मतगणना के आखिरी चरण में रुझान दिखाते हैं कि महायुति महाराष्ट्र में सरकार को दोहराने के लिए तैयार है. वहीं, अगले मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस को लाने की मांग और बढ़ गई है. उनके आवास पर सुबह से ही ढोल नगाड़े के साथ कार्यकर्ता जुटे हुए हैं. महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने कहा, "मुख्यमंत्री महायुति से होगा और जाहिर है, सबसे बड़ी पार्टी के पास अधिक संभावना है और भाजपा के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के साथ, अगर भाजपा का कोई मुख्यमंत्री होगा, तो वह देवेंद्र फडणवीस होगा."

मां सरिता फडणवीस ने भी देवेंद्र की मेहनत को दिया जीत का क्रेडिट 

देवेंद्र फडणवीस की मां सरिता फडणवीस ने भी कहा कि उनके बेटे ने चुनाव में कड़ी मेहनत की है और बिना किसी संदेह के वह मुख्यमंत्री बनेंगे. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सरिता फडणवीस ने कहा, "बेशक, वह सीएम बनेंगे. यह एक बड़ा दिन है क्योंकि मेरा बेटा राज्य में एक बड़ा नेता बन गया है. वह 24 घंटे कड़ी मेहनत कर रहा था." इस बीच मां के साथ फडणवीस की दिल को छू लेने वाली फ़ोन कॉल भी वायरल हो गई. इसमें फडणवीस को यह कहते हुए सुना गया, "मैं शाम को आऊंगा. मैं यहां सब काम खत्म कर दूंगा और शाम तक आ जाऊंगा. मैं आपको बता दूंगा. धन्यवाद, अपना आशीर्वाद दें." 

मैं समंदर हूं, लौटकर आऊंगा... फडणवीस का पुराना वीडियो वायरल

इसके अलावा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे का रुझान साफ होते ही सोशल मीडिया पर देवेंद्र फडणवीस की 2019 में कही बात 'मेरा पानी उतरता देख, मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना. मैं समंदर हूं, लौटकर वापस आऊंगा...' याद की जा रही है. फडणवीस का पुराना वीडियो शनिवार को दोबारा जमकर शेयर होने लगा. हालांकि, पिछली बार विधानसभा चुनाव के बाद बदले समीकरण के चलते पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस को डिप्टी सीएम पद से संतोष करना पड़ा था. इस बार वह महाराष्ट्र भाजपा के करिश्माई चेहरे बनकर उभरे हैं और पार्टी को प्रचंड जीत दिलाने में उनकी बड़ी भूमिका बताई जा रही है. 

नतीजे के फौरन बाद के मुकाबले चुनाव से पहले कैसी थी रणनीतियां?

देवेंद्र फडणवीस के ये सारे कदम तो महाराष्ट्र चुनाव नतीजे के फौरन बाद की रणनीति है. इसके पहले देखें तो हरियाणा विधानसभा चुनाव की तरह महाराष्ट्र में भी आरएसएस और उससे जुड़े सभी संगठनों से पूरा सहयोग सुनिश्चित करना, महायुति गठबंधन में समझौते के दौरान भाजपा के लिए सम्मानजनक सीटें हासिल करना, पिछली बार यानी विधानसभा चुनाव 2019 और लोकसभा चुनाव 2024 की गलतियों को नहीं दोहराना, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर अपना नाम चलाए जाने पर खामोशी बनाए रखना, एकनाथ शिंदे सरकार में लो प्रोफाइल रहते हुए भी सरकार पर सीधी और पक्की पकड़ बनाए रखना जैसे कई रणनीतिक कदमों से फडणवीस लक्ष्य की ओर बढ़ते गए.

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा है फडणवीस परिवार, देवेंद्र ने मांगी मदद

संघ और जनसंघ से जुड़े अपने पिता गंगाधर राव फडणवीस की तरह देवेंद्र फडणवीस बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं. फडणवीस 27 साल की उम्र में नागपुर के सबसे युवा मेयर बने. बाद में नागपुर से ही 1999 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा. साल 2014 में केंद्र में संघ के करीबी नरेंद्र मोदी पीएम बने तो महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सीएम बनकर उभरे. 

लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने संघ की टॉप लीडरशिप के साथ लगातार कई मीटिंग कर दूरियां पाटीं. क्योंकि जेपी नड्डा के बयान से संघ की नाराजगी की बातें सामने आ रही थी. इस बार विधानसभा चुनाव में उन्होंने 'अराजकतावादियों और वोट जिहादियों' से लड़ने में संघ से खुलकर मदद मांगी. वहीं, वोटिंग खत्म होने के बाद भी फडणवीस ने संघ कार्यालय जाकर सरसंघचालक मोहन भागवत समेत बड़े नेताओं से मुलाकात की थी.

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महाराष्ट्र में आरएसएस ने कैसे की भाजपा और फडणवीस की पूरी मदद?

ओडिशा, हरियाणा और जम्मू कश्मीर की तरह महाराष्ट्र में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने चुनाव में भाजपा की खुलकर मदद की. संघ ने अपने 65 से अधिक आनुषांगिक और समविचारी संगठनों के माध्यम से राज्य में 'सजग रहो' नाम का अभियान चलाकर मतदाताओं को जागरूक किया. महाराष्ट्र में भाजपा और महायुति के पक्ष में हिंदू वोटों को एकजुट करने के लिए संघ ने माइक्रो लेवल पर अपनी ताकत झोंक दी है. महाराष्ट्र के नागपुर शहर में संघ की स्थापना होने के चलते इसे हिंदू ताकतों का गढ़ भी माना जाता रहा है.

'सजग रहो' जैसे गेमचेंजर अभियान के जरिए संघ ने महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों में वोटों के बिखराव और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों के बाद हिंदुत्ववादी ताकतों के एकजुट होने की बात जन-जन तक समझाई. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नारे 'बटेंगे तो कटेंगे' और पीएम मोदी के नारे 'एक हैं तो सेफ हैं' को गांव-गांव तक पहुंचाया. इसके अलावा, जातिगत आधार पर बंट जाने वाले हिंदुओं को मतभेदों को भुलाकर एक ठोस वोटिंग ब्लॉक बनाने के लिए एकजुट करने के लिए शाखा स्तरों पर कई बैठकें की.

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