India Alliance: यह सब क्यों हो रहा है और कैसे हो रहा है, शायद कांग्रेस के पास इसका जवाब नहीं है. नीतीश.. ममता, अब्दुल्ला परिवार जैसे तमाम नामों के बाद अब महबूबा मुफ्ती और सीपीआई ने भी आंख दिखा दी है. महबूबा ने गठबंधन से विदाई ले ली है.
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मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर, लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया.. वैसे तो मजरूह साहब का ये शेर उनके लिए है जो अकेले ही शुरुआत करके किसी भी चीज की तस्वीर पलट देते हैं. लेकिन भारतीय राजनीति में इन दिनों इंडिया गठबंधन की तस्वीर इससे उलट है. मसलन इंडिया गठबंधन जब बनाया गया तो ऐसा लगा कि तूफान आ जाएगा लेकिन धीरे धीरे पार्टियां हटती गईं और गठबंधन का कारवां बिखरता गया. नीतीश.. ममता, अब्दुल्ला परिवार जैसे तमाम नामों के बाद अब महबूबा मुफ्ती और सीपीआई ने भी आंख दिखा दी है. एक तरफ पिनराई विजयन ने कांग्रेस पर तंज मारा है तो वहीं महबूबा ने भड़ास निकालते हुए गठबंधन से विदाई ले ली है.
असल में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने विपक्षी दल के कुछ चर्चित चेहरों के बीजेपी में शामिल होने के पर कांग्रेस पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या इसकी कोई गारंटी है कि उसके नेता सत्ता में आने पर उसके साथ बने रहेंगे और बीजेपी में शामिल नहीं होंगे. दिवंगत कांग्रेस नेता के. करुणाकरण की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल के बीजेपी में शामिल होने के कुछ घंटों बाद विजयन ने यह बात कही है.
विजयन का तंज.. पीडीपी ने गुपकार छोड़ दिया..
वहीं दूसरी तरफ पीडीपी सुप्रीमो ने क्लियर कर दिया है कि वे इंडिया गठबंधन से अलग हो रही हैं. उन्होंने कहा कि वह बीजेपी को हराने के लिए साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती थीं लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस के रवैये से उन्हें निराशा हुई है. इतना ही नहीं उन्होंने भड़ास भी निकाली है. इसका मतलब है पीडीपी ने गुपकार भी छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि पांच साल से जिस यूनिटी को बरकरार रखा आज उसे तितर-बितर होते हुए देख कर दुख हो रहा. मुझे मेरे कार्यकर्ताओं पर यकीन है. वो पीडीपी को नयी ऊंचाइयों पर लेकर जाएंगे.
कांग्रेस के पास इसका जवाब नहीं..
यह सब क्यों हो रहा है और कैसे हो रहा है, शायद कांग्रेस के पास इसका जवाब नहीं है. उसका कोई नेता साथियों को समेटने के लिए तैयार नहीं है. केरल की सीएम ने तो यह तक कह दिया कि 2013 से 2023 तक 500 से अधिक कांग्रेस नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है. कांग्रेस में यह स्थिति है. इसलिए अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो क्या इसकी कोई गारंटी है कि वह कांग्रेस ही बनी रहेगी? क्या कोई इसकी गारंटी दे सकता है?
शायद चुनाव बाद खत्म होगी कलह?
उधर इन सबके बीच नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पर जोरदार निशाना साधा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में नारेबाजी करने वालों की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले से विपक्ष को ज्यादा नुकसान पहुंचता है. अब देखिए कैसी भगदड़ इंडिया गठबंधन में मची हुई है. दूसरी तरफ बीजेपी तूफान की तरह चुनावों में प्रवेश कर रही है. समझ नहीं आ रहा है कि इंडिया गठबंधन में कलह चुनाव से पहले समाप्त होगी या चुनाव के बाद होगी.