Explainer: वो कौन सा सवाल था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को दे दी बेल
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Explainer: वो कौन सा सवाल था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को दे दी बेल

Sanjay Singh Gets Bail From SC : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें शराब नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग वाले केस में जमानत पर रिहा कर दिया.

Explainer: वो कौन सा सवाल था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को दे दी बेल

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ी राहत दी. एक्साइज पॉलिसी में घोटाले से जुड़े मामले में AAP के राज्यसभा MP संजय सिंह को SC से जमानत मिल गई. इस केस में दिल्‍ली सीएम अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के कई बड़े नेता सलाखों के पीछे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सिंह को पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया था. मंगलवार को SC में सुनवाई के दौरान ED ने जमानत याचिका का विरोध नहीं किया. उसकी वजह यह थी कि अदालत ने एजेंसी से एक सवाल का साफ-साफ जवाब मांग लिया था. क्या ईडी छह महीने गुजर जाने के बाद भी सिंह को हिरासत में रखना चाहता है? SC ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा कि वे लंच के बाद ईडी से सवाल का जवाब लेकर आएं. अदालत ने ED को यह ताकीद कि अगर वह बहस चाहता है तो कोर्ट को केस की मेरिट के हिसाब से चलना पड़ेगा. फिर अदालत PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा 45 के तहत आदेश पारित करेगी. अदालत ने ईडी से कहा कि आप इसके निहितार्थ समझिए. इसके बाद बेंच लंच के लिए उठ गई. बेंच दोबारा सुनवाई के लिए बैठी तो एसवी राजू ने ईडी की ओर से कहा क‍ि सिंह को जमानत देने में कोई आपत्ति नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने सिंह की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि इस आदेश को 'मिसाल' के तौर पर न लिया जाए.

अदालत ने सिंह को जेल से बाहर आकर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत भी दी है. सिंह ने SC को भरोसा दिया क‍ि वे दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में अपनी भूमिका के बारे में कुछ नहीं कहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए यह भी कहा कि वह केस की मेरिट पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा.

SC का वो सवाल जिसके बाद संजय सिंह को मिल गई बेल

  • मंगलवार को सुनवाई के दौरान, संजय सिंह के लिए सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने जिरह की. उनकी दलील थी कि ईडी को सिंह के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है. सिंह के पास से कोई ऐसी बरामदगी भी नहीं दिखाई गई है. दिनेश अरोड़ा (मामले में सह आरोपी जो बाद में अप्रूवर बन गए) ने बयानों में भी सिंह के लिए कुछ नहीं कहा. बेंच सिंघवी की दलील से सहमत दिखी. सिंघवी ने अदालत को बताया कि अरोड़ा ने सरकारी गवाह बनने तक सिंह के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया था. जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने कहा कि सिंह को कोई पैसा नहीं मिला और मनी ट्रेल भी नहीं है.
  • सिंघवी ने कहा कि कस्टडी में छह महीने गुजर जाने के बाद जमानत के लिए फिट केस बनता है. अदालत ने इस पर ASG राजू से कहा कि वे ED से निर्देश लेकर आएं कि क्या एजेंसी हिरासत को जारी रखना चाहती है? कोर्ट ने ईडी से कहा कि अगर वह जमानत का विरोध करता है तो उसे मामले की मेरिट्स के हिसाब से जाना पड़ेगा और अदाल PMLA की धारा 45 को ध्‍यान में रखते हुए आदेश पारित करेगी. SC ने कहा कि अभी की टिप्पणी का ट्रायल पर असर पड़ सकता है.
  • लंच के बाद जब बेंच दोबारा बैठी तो ASG ने कहा कि ईडी सिंह को और हिरासत में नहीं रखना चाहता. ईडी ने कहा कि एजेंसी के पास जमानत का विरोध करने के लिए पर्याप्त सामग्री है. लेकिन अभी वह मामले के विशिष्ट तथ्यों को ध्यान में रखते हुए रियायत दे रहा है. ईडी ने कहा कि सिंह की जमानत को एक मिसाल नहीं माना जाना चाहिए. इसके बाद अदालत ने सिंह को जमानत दे दी. SC ने यह भी साफ किया उसने मामले की मेरिट्स पर कोई राय नहीं दी है.

PMLA एक्ट की धारा 45 क्या कहती है?

धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 की धारा 45 में कहा गया है कि जमानत तभी दी जा सकती है जब अदालत प्रथम दृष्टया संतुष्ट हो कि आरोपी ने अपराध नहीं किया है और जमानत मिलने के बाद उसके अपराध करने की संभावना नहीं है.

यह मामला दिल्‍ली एक्साइज पॉलिसी में कथित घोटाले से जुड़ा है. इसी केस में दिल्‍ली सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी कस्टडी में हैं. मनी लॉन्ड्रिंग के एक और केस में पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन भी जेल के भीतर है. 

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