आपके रसोई की ये चीज बढ़ा सकती है कैंसर का खतरा, हुआ खुलासा!
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आपके रसोई की ये चीज बढ़ा सकती है कैंसर का खतरा, हुआ खुलासा!

Kitchen Ingredient: रसोईघर में कई गुणकारी हर्ब्स (Herbs) का खजाना मौजूद होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका रसोईघर कैंसर (Cancer) का कारण भी बन सकता है. जानें कैसे.

खाने की इन चीजों से बढ़ सकता है कैंसर का खतरा (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : अब तक आपने कई ऐसी गुणकारी मसालों (Kitchen ingredient) और हर्ब्स के बारे में पढ़ा होगा जो रसोईघर में मौजूद होते हैं. लेकिन वैज्ञानिकों ने रसोईघर में पाए जाने वाले एक ऐसे सामान्य तत्व की खोज की है जो कैंसर के खतरे को बढ़ावा दे सकता है. आपके लिए ये जानना वाकई हैरतअंगेज हो सकता है. आइए जानें, रसोईघर में की वो कौन सी चीज है जो कैंसर के खतरे को (ingredient cause of cancer) को बढ़ा सकती है. 

  1. पाम ऑयल को ताड़ के तेल के नाम से जाना जाता है
  2. पाम ऑयल कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में पाया जाता है
  3. पामिटिक एसिड है खतरनाक

पाम ऑयल (Palm oil)

पाम ऑयल जिसे ताड़ के तेल के नाम से भी जाना जाता है, ये कई खाद्य पदार्थों और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में पाया जाता है. पाम ऑयल में मुख्य रूप से पामिटिक एसिड (palmitic acid) नामक एक यौगिक पाया जाता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि ये यौगिक कैंसर के शुरूआती स्टेज को तेजी से बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा सकता है. बता दें, बार्सिलोना के इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन बायोमेडिसिन के डॉ ग्लोरिया पास्कुअल के नेतृत्व में ये रिसर्च की गई.

इन चीजों में पाया जाता है पाम ऑयल

पाम ऑयल का उपयोग चॉकलेट, पीनट बटर, पिज्जा, इंस्टेंट नूडल्स, शैम्पू, टूथपेस्ट, डिओडोरेंट और लिपस्टिक के प्रमुख ब्रांडों के अलावा कई अन्य चीजों में किया जाता है.

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कैसे की गई रिसर्च

रिसर्च के दौरान चूहों को एक फूड खिलाया गया जिसमें पामिटिक एसिड मौजूद था और विशेषज्ञों ने देखा कि इस फूड के खाने से त्वचा और मुंह के ट्यूमर मेटास्टेटिक (metastatic) में बदल गए. मेटास्टेटिक कैंसर (metastatic cancer) तब होता है जब रोग फैल गया हो. यानी कैंसर कोशिकाएं जहां पहली बार बननी शुरू हुई थीं वहां से टूटकर ब्लड या लिंप सिस्टम के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में नए ट्यूमर (मेटास्टेटिक ट्यूमर) बनाते हैं. मेटास्टेटिक ट्यूमर प्राथमिक ट्यूमर के समान कैंसर का ही प्रकार है. इसे आमतौर पर ठीक नहीं किया जा सकता है, केवल इलाज किया जाता है.

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जैतून का तेल (Olive oil) और अलसी के बीज हैं सुरक्षित

शोधकर्ताओं ने रिसर्च में ये भी पाया कि जैतून का तेल ट्यूमर के प्रसार को नहीं बढ़ाता है. जैतून के तेल और अलसी के बीजों में ओलिक एसिड और लिनोलिक एसिड नामक फैटी एसिड भी होते हैं. इसका उपयोग सुरक्षित है. 

हालांकि शोधकर्ताओं का ये भी कहना है कि अभी इस पर और अधिक रिसर्च होनी बाकी है. वर्ल्डवाइड कैंसर रिसर्च के मुख्य कार्यकारी डॉ हेलेन रिपन का कहना है कि यह खोज एक बड़ी सफलता है. इससे हम जान पाएं हैं कि फूड और कैंसर कैसे जुड़े हुए हैं और शायद अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि हम कैंसर के लिए नए इलाज शुरू करने के लिए इसका उपयोग कैसे कर सकते हैं.

बताते चलें, मेटास्टेसिस सभी कैंसर से होने वाली मौतों में से 90% के लिए जिम्मेदार होने का अनुमान है. वैश्विक स्तर पर हर साल इससे लगभग नौ मिलियन मौतें होती हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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