चावल (Rice) को सही तरह से पकाना बहुत जरूरी है. अगर आपने इसे सही तरीके से नहीं पकाया तो ये कई बीमारियों की वजह बन सकता है. जानिए क्या कहती है स्टडी.
Trending Photos
नई दिल्ली: ज्यादातर लोग चावल (Rice) खाना पसंद करते हैं, लेकिन इसके लिए आपको चावल खाने का सही तरीका भी पता होना चाहिए. वैसे तो चावल पकाना आसान है और इसे पचने में भी ज्यादा समय नहीं लगता, लेकिन कई बार जब आप इसे सही तरीके से नहीं पकाते, तो ये कच्चा रह जाता है. सही तरीके से न पकने की वजह से ऐसा चावल आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाता है.
हाल में की गई एक रिसर्च के मुताबिक, पकाते हुए अगर चावल कच्चे रह जाते हैं तो इसका सेवन करना कैंसर जैसी बीमारी की वजह बन सकता है. कई बार चावल में ऐसे केमिकल होते हैं, जो पेट में जाकर नुकसान पहुंचाते हैं.
इंग्लैंड की क्वीन्स यूनिवर्सिटी की स्टडी की मानें तो मिट्टी में मौजूद औद्योगिक विषाक्त पदार्थों और कीटनाशकों की वजह से चावल में ऐसी हानिकारक चीजें होती हैं, जिसके सेवन से आर्सेनिक पॉइजनिंग हो सकती है.
एक अन्य स्टडी के मुताबिक, चावल Carcinogen होता है, जिससे कैंसर जैसी बीमारी का भी खतरा रहता है. इस स्टडी में कुछ महिलाओं को शामिल किया गया और उनमें स्तन कैंसर होने की संभावना पर अध्ययन किया गया. स्टडी में 9400 महिलाओं में स्तन कैंसर और लंग कैंसर के मामले सबसे ज्यादा देखे गए.
आर्सेनिक खनिजों में मौजूद एक रसायन होता है और ये चावल में भी मौजूद होता है. आर्सेनिक का इस्तेमाल कीटनाशक के तौर पर किया जाता है. कई बार ग्राउंड वाटर में भी आर्सेनिक होता है. लंबे समय तक आर्सेनिक वाली चीजें खाने या ऐसा पानी पीने से कैंसर का खतरा रहता है.
स्टडी के मुताबिक, अगर आप सही तरीके से चावल नहीं पकाते तो इसमें मौजूद आर्सेनिक की मात्रा से आपको नुकसान पहुंचता है. इससे उल्टी, पेट दर्द, डायरिया और कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं.
Asthma के मरीजों की रात में क्यों बिगड़ जाती है तबीयत? ये है सबसे बड़ी वजह
क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट की स्टडी के मुताबिक, चावल को पकाने से एक रात पहले पानी में भिगोकर रख दें. इससे आर्सेनिक के स्तर को 80 प्रतिशत तक घटाया जा सकता है.
स्टडी में वैज्ञानिकों ने चावलों को अलग-अलग से तरीके पकाने पर अध्ययन किया. इसमें सबसे पहले तरीके में दो भाग पानी और एक भाग चावल को स्टीम से पकाया गया.
दूसरा तरीका वो था, जिसमें पांच भाग पानी और एक भाग चावल को पकाया गया और अतिरिक्त पानी को निकाल दिया गया. इससे आर्सेनिक का स्तर घटकर आधा रह गया.
वहीं तीसरी विधि चावलों को पकाने के लिए इसे 8 घंटे पहले पानी में भिगोकर छोड़ दिया गया. वैज्ञानिकों ने पाया कि इससे आर्सेनिक का स्तर 80 प्रतिशत तक घट गया. स्टडी के मुताबिक, आप तीन से चार घंटे तक भी चावलों को भिगोकर रख सकते हैं और इसके बाद इसे पकाएं.