Food poisoning: केरल में पिछले कुछ हफ्तों में फूड पॉइजनिंग की घटनाओं में अचानक वृद्धि देखी गई है, जिसको देखते हुए बेकर्स एसोसिएशन केरल (बेक) ने अंडा या नॉन-वेज मेयोनीज परोसने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
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Food poisoning: केरल सरकार ने पूरे प्रदेश के सभी भोजनालयों में अंडा या नॉन-वेज मेयोनीज परोसने पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह घोषणा फूड पॉइजनिंग के मामलों में अचानक आई तेजी के कारण की गई है, जिसके परिणामस्वरूप सुरक्षा अधिकारियों ने राज्य भर में 500 से अधिक भोजनालयों पर छापा मारा है. बेकर्स एसोसिएशन केरल (बेक) ने एक बैठक में यह निर्णय लिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब बेकरी और रेस्टोरेंट्स में सिर्फ वेजिटेबल मेयोनीज ही परोसी जाएगी.
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने भी फूड सर्विस प्रोवाइडर को फूड पैकेजिंग और परोसने में अतिरिक्त सतर्कता बरतने का सख्त निर्देश दिया है. स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी फूड पार्सलों पर एक्सपायरी डेट का उल्लेख करने वाला एक स्टिकर होना चाहिए. साथ ही निर्देशानुसार सभी फूड प्रतिष्ठान पंजीकरण एवं लाइसेंस प्राप्त कर लें तथा फूड सेफ्टी मानकों के अनुपालन में काम करें.
रिपोर्टों के अनुसार, मेयोनीज को अक्सर राज्य में कई अरबी व्यंजनों के साथ परोसा जाता है. मेयोनीज या मेयो आमतौर पर तेल, अंडे की जर्दी और एक एसिड (सिरका या नींबू का रस) का मिश्रण होता है. जबकि आदर्श रूप से सॉस तैयार करने के लिए उपयोग किए जाने वाले अंडों को पाश्चुरीकृत किया जाना चाहिए. रिपोर्टों के अनुसार, बड़ी मात्रा में सॉस बनाने वाले भोजनालय इस कदम को अनदेखा कर सकते हैं. इसका परिणाम यह होगा कि लोग ऐसे अंडे का सेवन करेंगे जिनमें हानिकारक जर्म्स हो सकते हैं.
राज्य में फूड पॉइजनिंग के मामले बढ़े
केरल में पिछले कुछ हफ्तों में फूड पॉइजनिंग की घटनाओं में अचानक वृद्धि देखी गई है. हाल ही में, कोट्टायम मेडिकल कॉलेज की एक नर्स ने एक भोजनालय से चावल और कुछ बारबेक्यू चिकन खाया थी. इसके बाद उन्हें फूड पॉइजनिंग हो गई है और 2 जनवरी को उनका निधन हो गया. नर्स की मौत कथित तौर पर एक गंभीर संक्रमण से हो गई थी. एक अन्य जिले में एक समारोह में लगभग 100 लोग खाना खाने के बाद बीमार पड़ गए. इन घटनाओं ने अधिकारियों को सतर्क कर दिया और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा लगभग 500 प्रतिष्ठानों पर छापा मारा गया. रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 43 प्रतिष्ठान बिना लाइसेंस के काम करने और स्वच्छता के वांछित मानक को बनाए रखने में कमी के कारण बंद कर दिए गए हैं.
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