कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर काफी सवाल उठते आए हैं क्योंकि इसके बाद युवाओं की अचानक मौत या हार्ट अटैक की खबरें आई. अब सरकार ने इस पर जानकारी दी है.
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JP Nadda On Covid Vaccine: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बीते 10 दिसंबर को राज्यसभा में कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक स्टडी ने निर्णायक रूप से साबित किया है कि कोविड वैक्सीन से भारत में यंग एडल्ट्स में अचानक मौत का खतरा नहीं बढ़ा है, बल्कि इसके उलट इसकी आशंका कम हुई है. उन्होंने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को ये जानकारी दी.
युवाओं में मौत की वजह
जेपी नड्डा ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के कारण पूर्व में अस्पताल में भर्ती होना, अचानक मौत की फैमिली हिस्ट्री और कुछ लाइफस्टाइल बिहेवियर के कारण अचानक मृत्यु की आशंका बढ़ जाती है. नड्डा ने कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research) ने सूचित किया है कि पिछले साल मई-अगस्त के दौरान 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में एक स्टडी की.
उन्होंने कहा कि इस विश्लेषण में अचानक मृत्यु के कुल 729 मामलों और 2,916 ‘कंट्रोल’ शामिल किए गए. ये देखा गया कि कोरोना वायरस के टीके की कोई भी खुराक लेने से अस्पष्टीकृत आकस्मिक मृत्यु की आशंका कम हो गई. कोविड-19 वैक्सीन की दो खुराक लेने से ऐसी मौत की आशंका काफी कम हो गई.
ये दवाएं क्वालिटी में फेल
स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) ने एक लिखित उत्तर में कहा कि हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड (Hindustan Antibiotic Limited) और कर्नाटक एंटीबायोटिक एंड फार्मास्युटिकल्स (Karnataka Antibiotic and Pharmaceuticals Limited) लिमिटेड द्वारा तैयार की गई क्रमश: मेट्रोनिडाजोल 400 मिलीग्राम (Metronidazole 400 mg) और पैरासिटामोल 500 मिलीग्राम (Paracetamol 500 mg) की गोलियों के एक खास बैच को परीक्षण के दौरान 'मानक गुणवत्ता रहित' (Not of standard quality) पाया गया.
अनुप्रिया पटेल ने कहा कि औषधि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड और कर्नाटक एंटीबायोटिक एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड दोनों ने ही ‘‘मानक गुणवत्ता रहित’’ (एनएसक्यू) स्टॉक वापस ले लिया है और उसकी जगह पर नया स्टॉक भेज दिया है.