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नई दिल्ली: बीते एक साल से भी ज्यादा समय से कोरोनो वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) ने भारत समेत दुनियाभर में जो हाहाकार मचाया है उससे एक बात तो साफ हो गई है कि सेहत से बढ़कर और कुछ नहीं है. अगर आप हेल्दी हैं, आपको पहले से कोई बीमारी नहीं है तो आप इस वायरस का डटकर सामने कर सकते हैं. लेकिन अगर आपकी इम्यूनिटी कमजोर है (Weak Immunity) आप पहले से किसी बीमारी का शिकार हैं तो यह वायरस आपके लिए जानलेवा भी हो सकता है.
7 अप्रैल को हर साल वर्ल्ड हेल्थ डे (World Health Day) मनाया जाता है. इस मौके पर हमने अलग-अलग डॉक्टरों से बात की और उनसे सेहत से जुड़े कुछ कॉमन सवालों के जवाब जानने की कोशिश की. इसमें कोरोना वायरस से रिलेटेड सवाल भी शामिल है.
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बेंगलुरू के फोर्टिस हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के कंसल्टेंट डॉ अम्बन्ना गौड़ा कहते हैं, वैक्सीन लगवाने का मतलब (Taking Covid Vaccine) ये नहीं कि आपको कोविड-19 से जुड़े एहतियात बरतने की जरूरत नहीं. वैक्सीन लेने के बाद अगले 7 दिनों तक आपको थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और सूजन जैसे साइड इफेक्ट्स (Vaccine side effects) महसूस हो सकते हैं. बावजूद इसके कोविड से बचना है तो वैक्सीन जरूर लें. वैक्सीन लेने के बाद भी पब्लिक स्पेस में हर वक्त मास्क पहनकर रखें (Always wear mask), बार-बार अपने हाथों को साबुन पानी से अच्छी तरह से धोएं, अपनी आंखें, नाक और मुंह को छूने से बचें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. सारे एहतियाती कदम उठाने से आप और आसपास के लोग सभी सुरक्षित रहेंगे.
टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) लाइफस्टाइल से जुड़े फैक्टर्स जैसे- खाने-पीने की गलत आदत और फिजिकल एक्टिविटी न करने की वजह से होती है. बेंगलुरू के फोर्टिस हॉस्पिटल में डायबेटोलॉजिस्ट डॉ श्रीनिवास मुनिगोटी कहते हैं, इसमें कोई शक नहीं टाइप 2 डायबिटीज की बीमारी पर भी आपके जीन्स का असर पड़ता है (Herediatry). भारतीयों से जुड़े एक साइंटिफिक डेटा की मानें तो जिन लोगों के माता-पिता को डायबिटीज होता है उनमें से 50 प्रतिशत बच्चों को भी यह बीमारी हो जाती है. हालांकि नियमित रूप से एक्सरसाइज करने और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर आप काफी हद तक टाइप 2 डायबिटीज से बच सकते हैं (Can prevent diabetes). लो कार्ब डाइट का सेवन करें, चीनी और सिगरेट दोनों से दूरी बना लें और अपने वजन को कंट्रोल में रखें.
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दिल्ली के नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी सेंटर की डॉ अस्वाती नायर कहती हैं, भारतीय हेल्थकेयर सिस्टम में महिलाओं की प्रजनन से जुड़ी सेहत (Reproductive Health) की अक्सर उपेक्षा की जाती है. WHO की रिपोर्ट की मानें तो साल 2017 में प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के दौरान करीब 3 लाख महिलाओं की मौत हो गई थी. मातृ मृत्यु का यह आंकड़ा चिंताजनक है. लिहाजा शहरी और ग्रामीण- दोनों इलाकों में जागरुकता बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि अगर डायग्नोसिस में देर से होती है तो समस्या गंभीर हो जाती है और महिला की मौत हो सकती है.
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पीरियड्स के दौरान हर महिला को थोड़ा बहुत दर्द (Some pain during periods) होता है. लेकिन अगर आपका मेन्स्ट्रुअल साइकल बहुत ज्यादा दर्द और तकलीफों से भरा है तो इसे इग्नोर न करें क्योंकि यह इंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) बीमारी का संकेत हो सकता है. नोएडा के मदरहुड हॉस्पिटल की सीनियर डॉक्टर तनवीर ऑज्ला कहती हैं, इंडोमेट्रियोसिस एक कॉमन बीमारी है जो हर 10 में से 1 महिला को होती है. इस बीमारी की पहचान बहुत देर से होती है क्योंकि ज्यादतर महिलाएं पीरियड्स के दौरान तेज दर्द को नॉर्मल समझकर उसका इलाज ही नहीं करवातीं. अगर मासिक धर्म के दौरान या सेक्शुअल इंटरकोर्स के दौरान तेज दर्द महसूस हो तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें.