एक अध्ययन में सामने आया है कि हर चार में से एक व्यक्ति सुबह पौष्टिक आहार की जगह खराब गुणवत्ता वाला स्नैक्स खा रहा है. यह अध्ययन यूरोपियन जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
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Unhealthy breakfast: सेहत के लिए पौष्टिक नाश्ता बहुत जरूरी है, पर काम पर जाने की जल्दी में अक्सर लोग स्नैक्स से काम चलाने लगे हैं. एक अध्ययन में सामने आया है कि हर चार में से एक व्यक्ति सुबह पौष्टिक आहार की जगह खराब गुणवत्ता वाला स्नैक्स खा रहा है. यह अध्ययन यूरोपियन जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
स्कूल ऑफ लाइफ कोर्स एंड पॉपुलेशन साइंसेज के एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि खराब भुणवत्ता वाला नाश्ता करने वाले 25 फीसदी लोगों में स्ट्रोक और दिल की बीमारी का खतरा होता है. शोधार्थियों ने इसके लिए 854 प्रतिभागियों की स्नैक्स संबंधी आदतों का विश्लेषण किया और ये निष्कर्ष सामने आए.
अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों में से 95 फीसदी ने यह भी माना कि वे हफ्ते में कम से कम एक बार वे नाश्ते में कुकीज और केक जैसे स्नैक्स को जगह देते हैं. उन्होंने यह बात मानी कि वे अपनी आदतों को बदलना चाहते हैं. पर कई कोशिशों के बावजूद वे इसमें सफल नहीं हो सके.
पैकेट बंद फूड पसंद कर रहे लोग
अध्ययन के मुताबिक, ब्रिटेन में एक समूह पर अध्ययन किया गया, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं. पाया गया कि पिछले कुछ वर्षों में प्रतिभागियों में से एक चौथाई ने नाश्ते में स्वस्थ आहार की जगह खराब और पैकेट बंद स्नैक्स को जगह दी. बहुत अधिक मात्रा में तला हुआ, अधिक मीठा और नमकीन आहार ने उनके स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाला. शोधार्थियों ने कहा, सेहत के लिए नाश्ते की गुणवत्ता मायने रखती है. इसके विपरीत स्नैक्स अधिक खाने से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं पैदा होती हैं. इससे स्वस्थ आहार से मिलने वाला पोषण शरीर को नहीं मिलता और लोग बीमार हो जाते हैं.
फल और ड्राईफ्रूट से बदलें आदत
शोधार्थियों ने कहा कि स्नैक्स की जगह नाश्ते में फल और ड्राइफ्रूट लेने चाहिए. पैकेट बंद फूड की तरह इन्हें भी पकाने की जरूरत नहीं होती. अक्सर लोग समय बचाने के चक्कर में खराब गुणवत्ता का आहार ले रहे हैं. अध्ययन के अनुसार, जो लोग हाई गुणवत्ता वाले नाश्ता करते हैं, वे उन लोगों की तुलना में अधिक स्वस्थ थे, जो ज्यादातर कम गुणवत्ता वाले स्नैक्स खाते हैं.