ऊंची हील वाले जूते या ऐसे फुटवियर जिनको पहनने में असहजता हो, इससे आपके शरीर की मुद्रा खराब हो सकती है.
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नई दिल्ली: जब आप चलते हैं, बैठते या खड़े होते हैं, तो आपके कंधे रिलैक्स अवस्था में होने चाहिए और रीढ़ सहज होनी चाहिए. छाती आगे की तरफ निकली होनी चाहिए. गर्दन (neck) और सिर (head), रीढ़ के समानांतर होनी चाहिए. आपका शरीर लंबा और आगे की तरफ सीधा दिखना चाहिए.
शरीर की असंतुलित मुद्रा
लंबे समय तक डेस्क पर बैठे-बैठ काम करते रहने के बाद यह चौंकने वाली बात नहीं है कि आपकी पीठ में दर्द (joint pain) महसूस हो. वहीं अगर लंबे समय तक कंधे पर भारी बैग टांगने के बाद आपके कंधे तनाव महसूस करते हैं. साथ ही बिस्तर पर सही तरीके से न लेटने के बाद आप गर्दन में दर्द (neck pain) महसूस करते हैं.
संतुलित मुद्रा
आपका शरीर सीधा होना चाहिए, लेकिन ऐसा भी सीधा नहीं कि आप रोबोट सदृश लगें. अगर आपके कान, कंधे, घुटने, कूल्हे एक सीधी रेखा में होंगे, तो आप रिलैक्स दिखेंगे. आपकी गर्दन में प्राकृतिक तौर से मोड़ होता है, जो कि पीठ के मध्य और निचले हिस्से के मोड़ के ठीक ऊपर स्थित होता है. सही मुद्रा शरीर के तीनों मोड़ को संतुलित रखती है, साथ ही यह आपके शरीर के वजन को बराबर-बराबर बांट देती है.
शरीर की मुद्रा सही करने के तरीके
अपनी मुद्रा सही करने के प्रति जागरूक हों. अगर आप पीठ का दर्द महसूस कर रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें. सर्पोटिव फुटवियर पहनें, प्रतिदिन व्यायाम करें, इस बात के प्रति आश्वस्त हो लें कि ऑफिस में जहां आप बैठते हों, आपकी डेस्क और कुर्सी आपकी मुद्रा के संतुलन को न बिगाड़ती हो.
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व्यायाम रोजाना करें
मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करें. व्यायाम (exercise) न करने से आपकी मांसपेशियां (muscles) कमजोर होती है. जोड़ों में दर्द और खिंचाव महसूस होने का मतलब है कि आपका शरीर मजबूत और लचीला नहीं है.
सोते समय स्थिति सही रखना
-सोते समय रीढ़ का बेहतर अवस्था में होना जरूरी है.
-जब आप एक तरफ लेटे होते हैं, मुड़े हुए घुटनों के बीच में तकिया रख लें. इससे आपकी रीढ़ बेहतर अवस्था में रहेगी.
-जब आप पीठ के सहारे लेटते हैं, तो तकिए को घुटनों के बीच में रख लें. इससे पीठ दर्द में आराम मिलता है.
-पेट के सहारे लेटने की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इससे गर्दन और रीढ़ पर तनाव बढ़ता है.
-भारी और ज्यादा मुलायम तकिए रखने से परहेज करें. ऐसा तकिया रखें, जिससे आपका सिर, शरीर के सीध में रहें.
-अपने काम करने की जगह को चेक कर लें.
-ऐसी कुर्सी पर बैठें, जो कि आपकी पीठ के निचले हिस्से को सपोर्ट करती हो. अपनी कुर्सी इतनी ऊंची न रखें कि पैर जमीन पर न पड़ें.
-कंप्यूटर की स्क्रीन आंख की सीध में होनी चाहिए, ताकि रीढ़ और गर्दन में तनाव न महसूस हो.
क्या आप जानते हैं?
-ऊंची हील वाले जूते या ऐसे फुटवियर जिनको पहनने में असहजता हो, इससे आपके शरीर की मुद्रा खराब हो सकती है.
-ज्यादा वजन रीढ़ पर दवाब डालता है आर आपकी एबडोमेन की मांसपेशियों को कमजोर करता है. जिसकी वजह से शरीर की मुद्रा खराब होती है.
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(नोट: कोई भी उपाय अपनाने से पहले डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें)