शौर्य के 20 साल: कारगिल युद्ध में जीत का पहला दरवाजा था 'तोलोलिंग'
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शौर्य के 20 साल: कारगिल युद्ध में जीत का पहला दरवाजा था 'तोलोलिंग'

13 जून की सुबह करीब चार बजे भारतीय सेना के जवानों तोलोलिंग की चोटियों पर जीत दर्ज की और वहां भारतीय ध्‍वज तिरंगा फहरा दिया.  

शौर्य के 20 साल: कारगिल युद्ध में जीत का पहला दरवाजा था 'तोलोलिंग'

नई दिल्‍ली: कारगिल युद्ध में जीत का पहला दरवाजा तोलोलिंग की चोटियों पर भारतीय तिरंगा लहराने के बाद खुला था. दरअसल, तोलोलिंग की लोकेशन कुछ ऐसी थी कि वहां बैठे पाकिस्‍तानी घुसपैठिए श्रीनगर से लेह को जोड़ने वाले नेशनल हाई-वे 1 की हर गतिविधि को न केवल आसानी से देख सकते थे, बल्कि वहां से गुजरने वाले सेना के काफिले को बेहद आसानी से अपना निशाना बना सकते थे. ऐसे में, भारतीय सेना के सामने सबसे बड़ी चुनौती तोलोलिंग की चोटियों पर अपना कब्‍जा जमाने की थी. 


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