Climate Change के चलते 2050 तक 4 करोड़ से ज्यादा भारतीय Migration करने पर होंगे मजबूर: स्टडी
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Climate Change के चलते 2050 तक 4 करोड़ से ज्यादा भारतीय Migration करने पर होंगे मजबूर: स्टडी

भारत समेत दक्षिण एशिया के कई देशों को भी जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के चलते बड़ी संख्या में पलायन करना पढ़ सकता है. शोध के मुताबिक अगर ग्लोबल तापमान को कम करने की दिशा में अभी से ठोस कदम उठाए जाएं, तो इस आंकडे़ में कमी आ सकती है.

Climate Change के चलते 2050 तक 4 करोड़ से ज्यादा भारतीय Migration करने पर होंगे मजबूर: स्टडी

नई दिल्ली: भारत समेत दक्षिण एशिया (South Asia) के लोगों के पलायन को लेकर एक चौंकाने वाली स्टडी सामने आई है. इस स्टडी के मुताबिक अगले 30 सालों में यानी साल 2050 तक करीब 4 करोड़ से ज्यादा भारतीय पलायन (Migration) करने पर मजबूर हो जाएंगे. 

  1. जलवायु परिवर्तन के चलते भारतीयों को करना पड़ सकता है पलायन
  2. 30 साल में 4 करोड़ से ज्यादा लोगों घर छोड़ने पर होंगे मजबूर 
  3. जलवायु परिवर्तन पर सभी देशों को  मिलकर करना होगा काम

जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के चलते होगा पलायन

इस शोध में सामने आया है कि दक्षिण एशिया (South Asia) से साल 2050 तक करीब 6 करोड़ और भारत (India) से करीब 4 करोड़ 50 लाख लोग अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे. इसका बड़ा कारण है जलवायु परिवर्तन (Climate Change). अंतराष्ट्रीय प्रवासी दिवस  (International Migrants Day) पर जारी की गई इस रिपोर्ट की मानें तो ये आंकड़ा युद्ध के चलते पलायन करने वाले लोगों के बराबर है.

पाकिस्तान, नेपाल और  बांग्लादेश से भी होगा पलायन

जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के चलते तेजी से समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है. साफ पानी की कमी हो रही है, फसलों की बुआई में कमी आ रही है, साथ ही सूखा पड़ने (Drought) के मामले भी बढ़ रहे हैं. इस सब के चलते अगले 30 सालों में भारत (India) से 4 करोड़ 5 लाख, बांग्लादेश (Bangladesh) से 3 करोड़ 30 लाख, नेपाल (Nepal) से 50 लाख , पाकिस्तान(Pakistan) से 1 करोड़ 90 लाख और श्रीलंका (Sri lanka) से 1 करोड़ लोग पलायान (Migration) करने पर मजबूर हो जाएंगे.

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सभी देशों को मिलकर करना होगा काम

गैर सरकारी संगठन 'एक्शन ऐड' (Action Aid) और साउश ऐशिया क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क (Climate Action Network South Asia) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक अगर सभी देश जलवायु परिवर्तन की दिशा में ठोस कदम उठाएं और ग्लोबल ऐवरेज तापमान में 2 डिग्री तक कमी ला सकें, तो ये आंकड़ा घटकर 3 करोड़ 40 लाख तक आ सकता है. 

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