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अहमदाबाद: देश में बढ़ती आबादी के बीच जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Bill) की चर्चा जोरों पर है. इस मुद्दे पर काफी बहस होने लगी है. ऐसे में गुजरात (Gujrat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) शहर की म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक नया ऐलान करने की तैयारी में है, जिसके मुताबिक दो बच्चे पैदा होने के बाद फ्री डिलीवरी की सुविधा नहीं मिलेगी. तीसरे और उसके बाद होने वाले बच्चे की डिलीवरी का खर्चा पेरेंट्स को उठाना पड़ेगा.
अब तक इस मामले पर केंद्र और राज्य सरकारों ने कोई नियम नहीं बनाया है, लेकिन अहमदाबाद नगर निगम (AMC) इस नियम को लागू करने की तैयारी में हैं. एएमसी में सत्ता पर काबिज भाजपा के नेता भास्कर भट्ट (Bhaskar Bhatt) ने निगम की बैठक में प्रेग्नेंट महिलाओं की सुविधाओं को सीमित करने का प्रस्ताव रखा है. इस प्रस्ताव पर जल्दी ही मुहर लग सकती है.
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इंडियन एक्स्प्रेस में छपी एक खबर के अनुसार भट्ट ने कहा कि 1987 में म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन द्वारा संचालित वीएस अस्पताल के मैनेजमेंट बोर्ड ने इसी तरह की नीति पारित की थी. ये नीति कुछ सालों के लिए लागू की गई थी और फिर इसे बंद कर दिया गया था. अब फिर से एक संशोधित नीति तैयार की जा रही है, जहां एक लोग केवल दो बच्चों के लिए ही सभी एएमसी संचालित अस्पतालों में मुफ्त बच्चे की डिलीवरी की सुविधा का लाभ उठा पाएंगे. आने वाले हफ्तों में ये प्रस्ताव स्थायी समिति में सामने रखा जाएगा. प्रस्ताव पारित होने के बाद ये नीति एएमसी द्वारा संचालित वीएस अस्पताल, शारदाबेन अस्पताल और एलजी अस्पताल पर लागू होगा, जहां पिछले तीन वर्षों में कुल 63,000 से अधिक डिलीवरी हुए हैं.
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बता दें कि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसएसके) के तहत, सभी प्रेग्नेंट महिलाएं अपने डिलीवरी के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मुफ्त सुविधाओं की हकदार हैं. जेएसएसके के आंकड़ों के अनुसार अहमदाबाद में 2018-19 में कुल डिलीवरी 8843 हुई, वहीं 2019-20 में ये घटकर 4560 हो गई. ये लगातार घट रही हैं 2020-21 में इनकी संख्या केवल 1009 रह गई. इसके अलावा इस साल अब तक 307 ही डिलीवरी अहमदाबाद में दर्ज की गई हैं.
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