Bihar: 'मिशन बिहार' के लिए अमित शाह ने कसी कमर, जानें BJP के लिए 2024 में क्यों अहम है नीतीश का गढ़
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Bihar: 'मिशन बिहार' के लिए अमित शाह ने कसी कमर, जानें BJP के लिए 2024 में क्यों अहम है नीतीश का गढ़

Bihar Politics: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेता इस महीने बिहार का दौरा करने वाले हैं.

Bihar: 'मिशन बिहार' के लिए अमित शाह ने कसी कमर, जानें BJP के लिए 2024 में क्यों अहम है नीतीश का गढ़

Amit Shah Bihar Visit: नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होने के बाद भाजपा बिहार में अपनी रणनीति फिर से तैयार कर रही है. 2024 के आम चुनावों से पहले भाजपा के लिए बिहार फोकस का शीर्ष क्षेत्र बना हुआ है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेता इस महीने बिहार का दौरा करने वाले हैं. अगस्त में सीएम नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़ते हुए राजद की मदद से नई सरकार बना ली थी. जिसके बाद से बिहार में सियासत गरमाई हुई है.

बिहार जाएंगे अमित शाह

भाजपा के वरिष्ठ नेता 23-24 सितंबर को बिहार के सीमांचल क्षेत्र का दौरा करेंगे. यह क्षेत्र बांग्लादेश की सीमा के करीब है और जहां मुस्लिम आबादी बहुत अधिक है. गृह मंत्री अपने दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत पूर्णिया और किशनगंज जिलों को कवर करेंगे. इस दौरे में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के अलावा जनसभाएं भी निर्धारित हैं.

लोकसभा चुनाव के लिए BJP के लिए बिहार अहम क्यों?

सात साल पहले, जब नीतीश महागठबंधन के साथ थे, शाह ने 2015 के बिहार चुनावों के लिए भाजपा के चुनाव अभियान की शुरुआत करने के लिए पटना के गांधी मैदान को चुना था. हालांकि, एनडीए को राज्य की 243 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 58 सीटें मिलीं थीं. इस बार फिर वही हालात हैं क्योंकि नीतीश ने फिर से महागठबंधन से गठबंधन कर लिया है. लेकिन शाह ने पटना के बजाय मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र को 2024 के आम चुनावों के लिए अपना चुनाव अभियान शुरू करने के लिए चुना है.

पार्टी बैठक में तैयार हुई आगे रणनीति

इससे पहले मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी मुख्यालय में एक बैठक में, शाह ने मंत्रियों से 2019 में हारी हुई पार्टी की 144 सीटों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है. इससे अटकलें तेज हो गई हैं कि आने वाले महीनों में पार्टी की नई योजना सामने आ सकती है. बैठक में शाह ने कई मंत्रियों द्वारा पार्टी संगठन द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अपने निर्वाचन क्षेत्रों में समय नहीं बिताने पर नाराजगी भी व्यक्त की थी. शाह ने सभी मंत्रियों को स्पष्ट किया कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे मंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियों से समझौता किए बिना संगठन का काम पूरा करें.

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