विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने भी इनेलो विधायक केहर सिंह रावत और रणबीर गंगवा का विधानसभा अध्यक्ष से इस्तीफा मंजूर कर दिया है
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चंडीगढ़ः इंडियन नेशनल लोकदल के महासचिव अभय चौटाला ने अपनी शर्तों पर हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया. पद से इस्तीफा देने से पहले चौटाला ने स्पीकर के सामने इनोलो छोड़ चुके पांच विधायकों की सदस्यता रद्द करने या फिर उनका इस्तीफा स्वीकार करने की शर्त रखी है. ऐसे में विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने भी इनेलो विधायक केहर सिंह रावत और रणबीर गंगवा का विधानसभा अध्यक्ष से इस्तीफा मंजूर कर दिया है. बता दें दोनों ही विधायकों ने हाल ही में भाजपा ज्वाइन की है, जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला का भी इस्तीफा मंजूर कर पद से हटा दिया गया है.
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चौटाला के इस्तीफे के बारे में बात करते हुए स्पीकर कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि 'इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के चारों विधायकों जिनकी जेजेपी में जाने की शिकायत मिली है उनके खिलाफ कानूनी तरीके से कार्रवाई करते हुए नोटिस भेजा जाएगा. इस मामले में एक कानूनी प्रिक्रिया के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी.' विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने आगे कहा कि 'हरियाणा विधानसभा में अब बड़ा दल कांग्रेस है और उनकी तरफ से नेता प्रतिपक्ष के लिए जो नाम दिया जाएगा उस पर फैसला होगा.'
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आपको बता दें कि दो दिन पहले अभय चौटाला ने स्पीकर को पत्र लिखकर रणबीर गंगवा और जेजेपी में शामिल हुए चार विधायकों की सदस्यता की मांग की थी. कुछ दिन पहले अभय चौटाला ने कहा था कि उन्हें पद का कोई लालच नहीं है. अभय का कहना था कि इस बात का इतिहास गवाह है कि जब भी किसी व्यक्ति ने हमारी पार्टी से गद्दारी की है वह कभी भी लोकसभा या विधानसभा का मुंह नहीं देख पाया. उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति कभी दोबारा नहीं आ पाएंगे. अपने बारे में उन्होंने कहा कि हमने अपने राजनीतिक करियर में कई बार इस तरह के हालातों का सामना किया है. मैं दोबारा जीत कर आउंगा और गद्दारी करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे.