इसके पीछे कमेटी की दलील है कि 6 दिसंबर 1992 को ढहाई गई विवादित इमारत को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर सुनाए फ़ैसले में बाबरी मस्जिद माना है, इसलिए इस मस्जिद का मलबा एक्शन कमेटी को दिया जाए.
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नई दिल्ली : अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी याचिका दायर कर बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) का मलबा लेने का मांग करेगी.
इसके पीछे कमेटी की दलील है कि 6 दिसंबर 1992 को ढहाई गई विवादित इमारत को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर सुनाए फ़ैसले में बाबरी मस्जिद माना है, इसलिए इस मस्जिद का मलबा एक्शन कमेटी को दिया जाए.
एक्शन कमेटी का कहना है कि शरीयत के मुताबिक किसी मस्जिद का मलबा और सामग्री किसी और इमारत और मस्जिद में इस्तेमाल नहीं हो सकती, इसलिए ये मलबा एक्शन कमेटी को लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट इजाज़त दें.
9 नवंबर को अयोध्या मामले में दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित ज़मीन का पूरा हिस्सा रामलला विराजमान को दिया था. इसकी एवज में 5 एकड़ ज़मीन मस्जिद निर्माण के लिए मुस्लिम पक्ष को दी थी. कोर्ट ने अपने फैसले में 1949 में विवादित ढांचे के अंदर मूर्तियों को रखे जाने और 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस को गैरकानूनी और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था. भूमि विवाद मामले में हालांकि बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी पार्टी नहीं है और उनकी ओर से पुर्नविचार अर्जी भी दायर नहीं की गई थी.