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बलरामपुर: देश में एक ओर जहां युद्ध स्तर पर रिकॉर्ड वैक्सीनेशन के दावे किए जा रहे हैं, वहीं इन दावों की पोल सरकारी सिस्टम खोल रहे हैं. वैक्सीनेशन से जुड़ी अजीबोगरीब खबर यूपी के बलरामपुर से सामने आई है, जहां दो महीने पहले मर चुकी एक महिला को वैक्सीन का दूसरा डोज लगा दिया गया. इतना ही नहीं महिला का फुल वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया. जब मामला प्रकाश में आया तो स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इसे मानवीय भूल बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया.
दैनिक भास्कर में छपी एक खबर के अनुसार ये मामला बलरामपुर के उतरौला इलाके का है, जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़या पकड़ी की टीम ने ये कारनामा किया है. इस केंद्र पर 14 अप्रैल 2021 को राजपति नाम की 81 साल महिला को कोरोना की वैक्सीन की पहली डोज दी गई थी. दूसरी डोज के लिए 84 दिन का समय दिया गया, लेकिन इस दौरान 4 जून को ही महिला की अचानक मौत हो गई. लेकिन उनकी मौत के 2 महीने बाद 28 अगस्त को कागज में दूसरी डोज लगा दी, जिसका वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया.
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इस मामले की भनक जब मृतक महिला के परिवार वालों को लगी तो उन्होंने वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट डाउनलोड करके सोशल मीडिया पर डाल दिया. महिला के परिवार के ही दीपक वर्मा ने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट फेसबुक पर शेयर कर दिया, जो वायरल हो गया. इसके बाद एसीएमओ अरुण वर्मा के कान में जब ये बात पड़ी तो वे आनन फानन में मृतक महिला के घर पहुंच गए और मामले की तहकीकात शुरू की. एसीएमओ ने मृतक महिला को वैक्सीन लगाए जाने के सवाल पर कहा कि ये एक मानवीय भूल है. दरअसल सेंटर पर मृतक महिला के वैक्सीनेशन का वैक्सीनेशन हुआ, उसी पर उनकी ही एक रिश्तेदार संवारी देवी को दूसरा डोज दिया गया. उसी दिन ऑपरेटर की गलती से मृतका को भी वेरीफाई कर दिया गया. जिससे उसका वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया.
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एससीएमओ ने कहा कि इस मामले में पूरी जांच की जा चुकी है. ये महज एक केस ही सामने आया है. अन्य किसी मामले में लापरवाही नहीं मिली है, इससे यह साफ होता है कि ये मानवीय गलती से हुआ है. किसी ने जानबूझकर ऐसा काम नहीं किया है.
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