जुर्म नहीं इंसानियत की राह चुने कैदी, इसलिए जेल में हो रही है भगवत कथा
Advertisement
trendingNow1496065

जुर्म नहीं इंसानियत की राह चुने कैदी, इसलिए जेल में हो रही है भगवत कथा

जेल में ही कैदी भगवत कथा का रसपान कर रहे है. बता दें कि ज्यादातर भगवत कथा का आयोजन किसी मंदिर में होता है या किसी पार्टी प्लाट में या आश्रम के प्रांगण में होता है. 

इन कैदियों के लिए यह कथा वाचन पूरी तरह से निशुल्क किया जा रहा है.

अहमदाबाद : सामान्य तौर पर मंदिर के लाभार्थ गौसेवा या निराधार लोगों के लिए किसी स्कूल आश्रम या समाज के हित के काम के लिए भागवत सप्ताह का आयोजन किया जाता है. लेकिन गुजरात के मोरबी में जेल में बंद कैदियों की मानसिकता में बदलाव लाने और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए भगवत कथा का आयोजन किया गया. 

जेल में भगवत कथा का आयोजन
जेल में ही कैदी भगवत कथा का रसपान कर रहे है. बता दें कि ज्यादातर भगवत कथा का आयोजन किसी मंदिर में होता है या किसी पार्टी प्लाट में या आश्रम के प्रांगण में होता है. यहां तक की गुजरात में शमशान घाट में भी कथा का आयोजन किया जा चुका है, लेकिन एक बार और एक अनोखी कथा का आयोजन मोरबी जिले की सबजेल में किया गया है. यहां पर किसी न किसी गुनाह में सजा काट रहे कैदियों को उनके द्वारा किये गए गलत कर्मो की सजा पूरी करने के बाद जब बाहर निकले तो उनकी जीवन शैली में सुधार आये इस तरह की कोशिश की गई. 

fallback
भागवत कथा के दौरान आने वाले अलग-अलग धार्मिक प्रसंग कैदियों द्वारा जेल प्रशासन के साथ मिलकर धूमधाम से मनाए जा रहे है. यहां एक बात उल्लेखनीय है की जेल में जेल में जाने वाले कैदी को सामान्य लोग अलग है नजर से देखते है. लेकिन यहां कैदियों को भागवत कथा और अन्य प्रोग्राम के द्वारा यह अहसास दिलाया जाता है की वो भी सामान्य नागरिक ही है अगर वो सामान्य जिंदगी अपनाना चाहे तो यहां से अपने कर्मो की सजा को पूरा करने के बाद समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकते है. और उन्हें किसी भी तरह की हीन भावना नहीं आये की वो सामाजिक ढांचे से अलग-थलग हो चुके है. 

fallback

डीजीपी ने दी कथा के लिए खास मंजूरी
जेल में उन्हें सामान्य नागरिक बनाए जाने की हर कोशिश कि जाती है. जेल में हो रही भगवत कथा की खास बात यह भी है की यहां भागवत कथा वाचन करने वाले महाराज इस कथा का वाचन करने के लिए एक रुपया भी नहीं ले रहे है. इन कैदियों के लिए यह कथा वाचन पूरी तरह से निशुल्क किया जा रहा है. जेल में भागवत कथा के आयोजन के लिए राज्य के डीजीपी मोहन झा की तरफ से खास मंजूरी दी गई है और कैदियों के जीवन में सुधार हो इस लिए जेल प्रशासन ने भी अपनी तरफ से हर तरह की कोशिश की है.

Trending news