Supreme Court से Anil Ambani को बड़ा झटका, CJI की अगुवाई वाली बेंच ने खारिज किया तीन साल पुराना SC आदेश
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Supreme Court से Anil Ambani को बड़ा झटका, CJI की अगुवाई वाली बेंच ने खारिज किया तीन साल पुराना SC आदेश

Supreme Court News: पीठ ने कहा, ‘इस न्यायालय की दो-जजों की पीठ के फैसले, जिसने हाई कोर्ट की खंडपीठ के फैसले में हस्तक्षेप किया, के परिणामस्वरूप न्याय नहीं हो सका.’

Supreme Court से Anil Ambani को बड़ा झटका, CJI की अगुवाई वाली बेंच ने खारिज किया तीन साल पुराना SC आदेश

Anil Ambani News:  सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने ही तीन साल पुराने उस फैसले को दरकिनार कर दिया जिसमें दिल्ली मेट्रो के साथ विवाद में अनिल अंबानी ग्रप की कंपनी को 8,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया था. शीर्ष अदालत ने कंपनी को पहले ही मिल चुके लगभग 2,500 करोड़ रुपये को वापस वसूल करने के लिए कहा और माना कि पिछले फैसले के कारण न्याय नहीं हो सका. 

वर्ष 2021 के फैसले के खिलाफ दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) की क्यूरेटिव पिटिशन को अनुमति देते हुए चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक विशेष पीठ ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट की खंडपीठ का आदेश एक ‘सुविचारित निर्णय’ था और सुप्रीम कोर्ट के लिए इसमें हस्तक्षेप करने का कोई वैध आधार नहीं था.

नहीं हो सका न्याय
पीठ ने कहा, ‘इस न्यायालय की दो-जजों की पीठ के फैसले, जिसने हाई कोर्ट की खंडपीठ के फैसले में हस्तक्षेप किया, के परिणामस्वरूप न्याय नहीं हो सका.’

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘खंड पीठ के फैसले को रद्द करते हुए इस अदालत ने एक स्पष्ट रूप से अवैध आदेश को बहाल कर दिया, जिसने एक सार्वजनिक इकाई पर अत्यधिक दायित्व थोप दिया.’

मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश के अनुसरण में DMRC द्वारा रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म को भुगतान की गई राशि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी (पीएसयू) को वापस करनी होगी.

मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश के अनुसार, DAMEPL रियायत समझौते के संदर्भ में 2782.33 करोड़ रुपये और ब्याज का हकदार था. 14 फरवरी 2022 तक यह रकम बढ़कर 8,009.38 करोड़ रुपये हो गई.

सुप्रीम कोर्ट ने रद्ध किया था हाई कोर्ट का आदेश
शीर्ष अदालत ने नौ सितंबर, 2021 को DMRC के खिलाफ लागू होने वाले 2017 के मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश को बरकरार रखा था और कहा था कि अदालतों द्वारा ऐसे आदेशों को रद्द करने की परेशान करने वाली प्रवृत्ति है.

इसने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया था, जिसने DAMEPL के पक्ष में मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश को रद्द कर दिया था.

DAMEPL ने मेट्रो लाइन चलाने से खींच लिए थे हाथ
दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (DAMEPL) ने सुरक्षा मुद्दों पर एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो लाइन चलाने के समझौते से हाथ खींच लिया था.

इसके बाद 23 नवंबर, 2021 को शीर्ष अदालत ने अपने नौ सितंबर, 2021 के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग करने वाली DMRC की याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि पुनर्विचार का कोई मामला नहीं बनता है.

इस आदेश के बाद DMRC ने 2022 में पुनर्विचार याचिका खारिज होने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अंतिम कानूनी विकल्प के रूप में क्यूरेटिव पिटिशन दायर की.

 

(इनपुट - भाषा)

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