बिहार: वायरल फीवर का कहर जारी, बच्चों में सर्दी खांसी-तेज बुखार की मिल रही शिकायत
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बिहार: वायरल फीवर का कहर जारी, बच्चों में सर्दी खांसी-तेज बुखार की मिल रही शिकायत

पटना के ग्रामीण इलाकों में वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. इस वायरल फीवर से कई बच्चे बीमार हो रहे हैं. बच्चों में तेज बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत जैसी शिकायतें नजर आ रही हैं. ये बीमारी धीरे-धीरे सुदूर ग्रामीण इलाकों में भी पांव पसार रही है, जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है.

 

बच्चों में सर्दी खांसी-तेज बुखार की मिल रही शिकायत. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Danapur: बिहार में वायरल फीवर (Viral Fever) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. वहीं, दानापुर में भी वारयल फीवर से बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. वायरल फ्लू (Viral Flu) में बच्चों की स्थिति गंभीर हो रही है. इस बार वायरल फ्लू की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है. बच्चों के अलावा वयस्क भी संक्रमित हो रहे हैं. 
 
वहीं, वायरल फीवर के मौजूदा हालात को देखते हुए पटना सिविल सर्जन विभा सिंह ने पटना ग्रामीण इलाके के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश दिया है कि वायरल फीवर से ग्रसित बच्चों के लिए अस्पताल में ऑक्सीजन युक्त अलग से पांच बेड की व्यवस्था की जाए. साथ ही उन्होंने सभी को अलर्ट पर रखने का भी निर्देश दिया है. 

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'पीएससी में से किसी प्रकार की कैजुअल्टी की सूचना नहीं'
पटना सिविल सर्जन ने ये भी बताया कि वायरल फीवर की संख्या बढ़ी है. लोग अस्पताल आ रहे हैं और इलाज करा ठीक होकर जा भी रहे हैं. सिविल सर्जन ने बताया कि अभी तक पीएससी में से किसी प्रकार की कैजुअल्टी होने की सूचना प्राप्त नहीं हुई है लेकिन फिर भी हम सारे अस्पतालों के विभाग अध्यक्ष के साथ बात कर रहे हैं और लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं. विभा सिंह ने लोगों से पैनिक नहीं होने की अपील भी की है.

वायरल फ्लू से बचाव का है ये इलाज 
बता दें कि अभी के वातावरण में ह्यूमिडिटी होने और तापमान अधिक होने की वजह से इन्फ्लूएंजा ए बी सी डी जितने भी वायरस है, वो ज्यादा एक्टिव रहते हैं. ऐसे में वायरल फ्लू से बचाव का भी वही इलाज है जो कोरोना का है. कोविड-19 प्रोटोकॉल जैसे कि हैंड हाइजीन, चेहरे पर मास्क और संक्रमित व्यक्ति का अन्य लोगों से दूरी काफी कारगर है. अगर बच्चे को सामान्य बुखार के अलावा डायरिया या डिसेंट्री होता है या फिर बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, तो तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल में ले जाएं, क्योंकि ऐसे केस में एडमिट करने की आवश्यकता पड़ती है. 

(इनपुट- इश्तियाक खान)

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