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Bihar News: मधुबनी में कोसी नदी कहर बरपाना शुरू कर दिया है. घर, चूल्हा, अनाज सहित सारा सामान डूब गया है और लोग पलायन कर रहे हैं. मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड में कोसी नदी ने एक बार फिर से तांडव मचाना शुरू कर दिया है. मधेपुर प्रखंड के अन्तर्गत तटबंध के भीतर बह रही कोसी नदी के साथ साथ भुतही बलान नदी भी पुरी तरह से तांडव मचा रही है. पड़ोसी देश नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी नदी ने फिर एक बार रौद्र रूप ले लिया है.
कोसी बैराज से देर रात चार लाख चौदह हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद से मधेपुर प्रखंड क्षेत्र में कोसी तटबंध के भीतर बसे दर्जनों गांव में बाढ़ की तबाही शुरू हो गई है. सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. कोसी तटबंध के भीतर बसे बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग नाव के सहारे मवेशी एवं जरूरी समान के साथ ऊंचे स्थान की ओर पलायन करते नजर आ रहे हैं. मधेपुर प्रखंड क्षेत्र के गढ़गांव, बसीपट्टी, महपतिया, बकूआ,द्वालख,भरगामा, सहित दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी फैलने से प्रभावित इलाके के लोग डरे सहमे हुए हैं. प्रशासनिक स्तर से अभी तक सिर्फ बसीपट्टी पंचायत में नाव की व्यवस्था की गई है.
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मधेपुर प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ के प्रकोप को देखते हुए मधेपुर प्रखंड प्रशासन की टीम मोटर बोट से बाढ़ प्रभावित गांवों का जायजा लिया है.बाढ़ के कारण बसीपट्टी ,गढ़गांव पंचायत के लगभग 25 परिवार अपना घर छोड़कर एक विद्यालय में शरण लिए हुए हैं. शरणार्थियों ने बताया कि प्रशासन के तरफ से यहां पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है पूरे दिन में इन लोगों को एक बार विद्यालय के प्रधानाध्यापक के तरफ से खिचड़ी की व्यवस्था की गई है. इन लोगों को ठहरने के लिए देर रात कोई व्यवस्था नहीं की गई है ना खाने पीने की व्यवस्था की गई है. बाढ़ पीड़ित लोगों में प्रशासन के खिलाफ काफी रोष देखा जा रहा है. वहीं इस बाबत पूछने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी विशाल आनंद ने बताया कि इन लोगों को पॉलीथिन की व्यवस्था की गई. बाढ़ ने इतना विकराल रूप ले लिया है कि जंगली जानवर भी अब ऊंचे स्थान के लिए नदी पार कर निकल रहे हैं.बहराहाल कोसी नदी में दर्जनों घर विलीन हो गया है. जिला प्रशासन और फ्लड कंट्रोल के अधिकारी भी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. प्रशासन को तत्काल बाढ़ पीड़ितों के लिए खाने पीने की सामग्री उपलब्ध कराने की आवश्यकता है. कई इलाकों में नाव नहीं रहने से लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
बागमती नदी का बढ़ा जलस्तर, टूटा जमींदारी बांध, 400 घरों में घुसा बाढ़ का पानी
मुजफ्फरपुर जिले में दुसरी बार बाढ़ ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी है. नेपाल में हो रही भारी बारिश से बागमती नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है. बागमती नदी पुरी तरह उफान पर है, जिससे कटरा इलाके के बासघट्टा पंचायत बाढ़ का पानी फैलने लगा है. वहीं पतारी में कटाव होने के वजह से बागमती नदी का जमींदारी बांध टूट गया है.बांध टूट जाने की वजह से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. बाढ़ का पानी तेजी से आगे की ओर बढ़ रहा है और सैकड़ो घरों में पानी प्रवेश कर चुका है.
कटरा के कई गांव में बाढ़ का पानी तेजी से फैलने लगा है. पीपापुल के दोनों तरफ बाढ़ का पानी चढ़ जाने की वजह से 18 पंचायत के लाखों लोगों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है. वहीं स्थानीय ग्रामीण ललित चौधरी का कहना है बागमती नदी में तेजी से कटाव हो जाने की वजह से जमींदारी बांध टूट गया है.बांध टूट जाने की वजह से लगभग 500 घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है और लोग काफी परेशान हैं. ग्रामीण शम्भू कुमार का कहना है बांध टूट जाने की वजह से चारों तरफ बढ़ का पानी फैलने लगा है, हम लोग काफी दहशत में हैं, फिर भी प्रशासन की तरफ से कुछ भी नहीं किया जा रहा है. लोग सड़क पर रह रहें हैं. उनके लिए खिचड़ी की व्यवस्था भी नहीं की जा रही.
वहीं इस मामले पर एसडीओ ज्ञान प्रकाश का कहना है विभाग को जानकारी दी गई है और मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है. जलस्तर बढ़ने के बाद लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, सभी अंचलाधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है.
(रिपोर्ट - बिंदू भूषण ठाकुर एवं मणितोष कुमार)