Vishnu Pad Mandir: जानिए गया के विष्णु पद मंदिर की कथा, जहां से पितृ को मिलता है मोक्ष
Advertisement

Vishnu Pad Mandir: जानिए गया के विष्णु पद मंदिर की कथा, जहां से पितृ को मिलता है मोक्ष

Vishnu Pad Mandir: तीर्थराज प्रयाग, ऋषिकेश और वाराणसी की ही तरह गया सात पुरियों में तो शामिल नहीं है, लेकिन यह स्थान स्वर्ग का द्वार माना जाता है. 

 (फाइल फोटो)

पटनाः Vishnu Pad Mandir: श्राद्ध पक्ष की शुरुआत हो चुकी है. इस वक्त सनातन में आस्था रखने वाले हर श्रद्धालु के पग गयाजी की ओर बढ़ रहे हैं. गया, जो मोक्षदायिनी है और पूर्वजों को तृप्त करने का केंद्र है.   आश्विन मास में जैसे ही कृष्ण पक्ष का समय शुरू होता है, बिहार राज्य का एक जिला लोगों की आस्था का केंद्र बन जाता है. इस जिले का नाम है गया, जिसे श्रद्धाभाव से गया जी कहा जाता है. गयातीर्थ सनातन परंपरा का महत्वपूर्ण और अद्भुद तीर्थ है. इसी गया क्षेत्र में भगवान विष्णु का एक मंदिर मृत आत्माओं को भी मुक्ति देने वाला है. इसका नाम है विष्णु पद मंदिर.

यहां से सीधे वैकुंठ पहुंचते हैं पितृ
तीर्थराज प्रयाग, ऋषिकेश और वाराणसी की ही तरह गया सात पुरियों में तो शामिल नहीं है, लेकिन यह स्थान स्वर्ग का द्वार माना जाता है. पितृपक्ष के अवसर पर यहां पितरों को तर्पण आदि दिया जाता है. मान्यता है कि सर्वपितृ अमावस्या के दौरान गया जी में पितरों को पानी देने से वह तृप्त होते हैं और वैकुंठ पहुंचते हैं. भगवान विष्णु का यह मंदिर अपनी युगों पुरानी दिव्यता के साथ आज भी मौजूद है. भगवान विष्णु के पदचिह्न वाले इस मंदिर को विष्णुपद मंदिर कहा जाता है. धर्म का एक आधार होने के कारण इसे धर्मशिला के नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि पितरों के तर्पण के बाद इस मंदिर में भगवान विष्णु के चरणों के दर्शन करने से समस्त दुखों का नाश होता है. 

ये है इस मंदिर की पावन कथा
इस मंदिर के साथ राक्षस गयासुर और भगवान विष्णु की पावन कथा जुड़ी हुई है. कहते हैं कि राक्षस गयासुर को नियंत्रित करने के लिए भगवान विष्णु ने शिला रखकर उसे दबाया था. इसीसे शिला पर उनके चरण छप गए. विष्णुपद मंदिर में भगवान विष्णु का चरण चिह्न ऋषि मरीची की पत्नी माता धर्मवत्ता की शिला पर है. राक्षस गयासुर को स्थिर करने के लिए धर्मपुरी से माता धर्मवत्ता शिला को लाया गया था, जिसे गयासुर पर रख भगवान विष्णु ने अपने पैरों से दबाया. इसके बाद शिला पर भगवान के चरण चिह्न है. विश्व में विष्णुपद ही एक ऐसा स्थान है, जहां भगवान विष्णु के चरण का साक्षात दर्शन कर सकते हैं.

 

Trending news