Bihar News: महिला शिक्षकों को बाइक चलाने की ट्रेनिंग का फरमान , KK Pathak के चौंकाने का सिलसिला जारी
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Bihar News: महिला शिक्षकों को बाइक चलाने की ट्रेनिंग का फरमान , KK Pathak के चौंकाने का सिलसिला जारी

KK Pathak News: बिहार शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक अपने आदेशों के लेकर चर्चा में रहे हैं. हाल ही में उनके आदेश से यूनिवर्सिटी प्रोफेसर और MLC संजय सिंह का पेंशन रोक दिया गया. 

Bihar News: महिला शिक्षकों को बाइक चलाने की ट्रेनिंग का फरमान , KK Pathak के चौंकाने का सिलसिला जारी

Bihar Education News: बिहार शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक का एक और फरमान चर्चा में बना हुआ है. शिक्षा विभाग के नए आदेश के मुताबिक नव नियुक्त महिला टीचरों को दो पहिया वाहन चलाने की ट्रेनिंग रोज आधे घंटे दी जाएगी.

पाठक द्वारा जारी आदेश के मुताबिक महिला टीचर्स ने उनसे दो पाहिया वाहन या स्कूटी का ट्रेनिंग दिलाने की गुजारिश की थी ताकि उनकी आत्मनिर्भरता बढ़ सके और विधालय में पहुंचने में भी आसानी हो. इसे देखते हुए 4 दिसंबर, 2023 को शुरू होने वाले बैच में दो पहिया वाहन/स्कूटी के ट्रेनिंग की व्यवस्था करने का आदेश दिया जाता है.

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आदेश के मुताबिक ट्रेनिंग की अवधि आधे घंटे की होगी और यह ट्रेनिंग पीटी कक्षा के बाद और ट्रेनिंग क्लास शुरू होने के बीच की अवधि में दी जाएगी.

अपने आदेशों को लेकर चर्चा में रहते हैं पाठक
केके पाठक अपने आदेशों के लेकर चर्चा में रहे हैं. हाल ही में उनके आदेश से यूनिवर्सिटी प्रोफेसर और MLC संजय सिंह का पेंशन रोक दिया गया. इस फैसले से संजय सिंह काफी नाराज हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घर के बाहर धरना देने का ऐलान किया है.

संजय सिंह यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ फुटाब के महासचिव हैं और सीपीआई से जुड़े हैं. इसी संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष बहादुर सिन्हा के पेंशन और वेतन पर भी पाठन ने रोक लगाई है. दोनों पर शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों का विरोध करने और मीडिया में बयानबाजी करने के आरोप में एक्शन लिया गया है.

पिछले दिनों बिहार के शिक्षा विभाग द्वारा अनुपस्थित रहने के कारण 20 लाख से अधिक छात्रों के नाम सरकारी स्कूलों से काटे जाने के कारण नीतीश कुमार सरकार को विरोधियों के साथ-साथ अपने सहयोगियों के भी विरोध का सामना करना पड़ा था. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक पाठक ने दो सितंबर, 2023 को सभी जिलाधिकारियों को लिखे एक पत्र में लगातार 15 दिनों तक अनुपस्थित रहने वाले छात्रों को निष्कासित करने और निजी स्कूलों या कोटा जैसे दूरदराज के स्थानों में पढ़ने वाले लड़के और लड़कियों की ‘ट्रैकिंग’ करने जैसे कठोर कदम उठाने का आदेश दिया था जबकि बाकी उपस्थित रहने वाले बच्चे पाठ्यपुस्तकों और पोशाक के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना का लाभ उठा सकते हैं. 

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