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नई दिल्ली. CBI ने बच्चों के यौन शोषण के मामले में कार्रवाई करते हुए 83 आरोपियों के खिलाफ 23 मामले दर्ज किए हैं. इन सभी आरोपियों पर बच्चों के यौन शोषण और उनके वीडियों बनाकर बेचने का आरोप है. इस मामले में CBI 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 76 जगहों पर छापेमारी कर रही है.
जानकारी के अनुसार, CBI दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, यूपी, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, उडीसा, और तमिलनाडु में छापेमारी कर रही है.
पिछले साल CBI ने इसी तरह के मामले में यूपी सरकार में काम कर रहे जूनियर इंजीनियर राम भुवन यादव और उसकी पत्नी दुर्गावती को गिरफ्तार किया था. ये बच्चों के यौन शोषण के वीडियो बनाकर डार्कनेट पर बेच रहे थे. इसी तरह CBI ने जम्मू कश्मीर में रहने वाले नियाज अहमद मीर को भी इसी तरह के आरोपों में गिरफ्तार किया था, जो अमेरिका में रहने वाली अपनी पत्नी के जरिए वहीं के बच्चों के यौन शोषण वाले वीडियो और तस्वीरों को डार्कनेट के जरिये विदेशों में बेच रहे थे. FBI को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने CBI को इसकी सूचना दी, जिसके बाद ये गिरफ्तारी हुई थी.
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CBI ने भी साल 2019 में बच्चों के यौन शोषण के मामलों को गंभीरता से लेते हुए Online Child Sexual Abuse and Exploitation (OCSAE) Prevention/Investigation Unit बनायी थी. ये CBI की स्पेशल क्राइम यूनिट के अंदर काम कर रही है. इसका काम बच्चों के यौन शोषण से जुड़े वीडियो, फोटो को बेचने और इंटरनेट पर अपलोड करने वालों पर नजर रखना और उनके खिलाफ कार्रवाई करना है.
CBI इंटरपोल की भारत में नोडल एजेंसी है और इस वजह से भी बच्चों के खिलाफ होने वाले क्राइम को रोकने और कार्रवाई करने में भी CBI मदद करती है. क्योंकि इस तरह के ज्यादातर वीडियो विदेशों में डार्कनेट के जरिये बेचे जाते हैं और उन्हे विदशों से ही इंटरनेट पर अपलोड किया जाता है. लेकिन पिछले कुछ दिनों में भारत से भी इस तरह के मामले सामने आ रहे थे, जिसके बाद CBI ने इस स्पेशल यूनिट को बनाया ताकि बच्चो के खिलाफ हो रहे अपराधों पर रोक लगायी जा सके.
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