राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि संबद्ध मंत्रियों को सदस्यों द्वारा शून्यकाल के दौरान उठाए गए मुद्दों पर 30 दिनों के अंदर जवाब देना चाहिए.
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नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस सप्ताह उच्च सदन में हुए कामकाज पर संतोष व्यक्त करते हुए शुक्रवार को सदस्यों को शुभकामनाएं दीं. उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने एक बार फिर दोहराया कि संबद्ध मंत्रियों को सदस्यों द्वारा शून्यकाल के दौरान उठाए गए मुद्दों पर 30 दिनों के अंदर जवाब देना चाहिए. इसके अलावा, सभापति ने राज्यसभा में लंबे समय से लंबित विधेयकों का जल्द निपटारा करने के लिए सुझाव भी मांगे हैं.
सभापति एम वेंकैया नायडू वने जलवायु परिवर्तन और देश में पेयजल की आपूर्ति सहित जल संकट से जुड़ी चर्चाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सदन के पूर्व सदस्यों सहित कई लोगों ने उनसे मिल कर इसकी तारीफ की है. उन्होंने कहा कि मैं इस सदन का सभापति हूं, इसलिए मुझे अपने सदन की तारीफ अच्छी लगी. जब तुलना कर यह कहा जाता है कि दूसरे सदन में काम हो रहा है, यहां नहीं, तब बहुत पीड़ा होती है.
सभापति ने कहा कि इस सप्ताह सदन में जिस तरह कामकाज किया गया और जितना कामकाज हुआ, उससे वह संतुष्ट हैं. उन्होंने सदस्यों को इसके लिए शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि काम, सहयोग और स्वस्थ बहस का यह सिलसिला आगे बना रहेगा. उन्होंने कहा कि सरकार और विपक्षी दलों के बीच नियमित संवाद होते रहना चाहिए.
नायडू ने यह बात फिर दोहराई कि संबद्ध मंत्रियों को सदस्यों द्वारा शून्यकाल के दौरान उठाए गए और विशेष उल्लेख के जरिये उठाए गए मुद्दों पर 30 दिनों के अंदर जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सदन के नेता और संसदीय मामलों के मंत्री को इस ओर ध्यान देना चाहिए. सभापति एम. वेकैंया नायडू ने कई सालों से लंबित विधेयकों को समाप्त करने के उपाय के बारे में सदस्यों से सुझाव भी मांगे हैं. उन्होंने कहा कि व्यर्थ में समय नष्ट होने के कारण जरूरी विधेयक लंबित रह जाते हैं तथा कुछ विधेयक लोकसभा के भंग होने के साथ ही समाप्त हो जाते हैं.
नायडू ने कहा कि 15वीं और 16वीं लोकसभा के कई विधेयक उच्च सदन में लंबित हैं. कुछ विधेयक तो 20 साल से अधिक समय से लंबित हैं. उन्होंने लंबित विधेयकों को स्वत: समाप्त करने पर सदस्यों से सुझाव मांगे हैं.
(इनपुट: एजेंसी)