Navratri Fast: नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान लोग उपवास (Fast) करते हुए सात्विक भोजन खाते हैं, जो शुद्ध और संतुलित माना जाता है. जलवायु में हो रहे बदलाव के बुरे प्रभाव से बचने के लिए साइंस भी वहीं बात कहती है, जिसे हमारे श्रषि-मुनियों ने युगों पहले साबित कर दिया था.
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Importance of Navratri Fasting: नवरात्रि चल रहे हैं, इसमें पूरे नौ दिनों तक व्रत रखे जाते हैं. इस दौरान लहसुन-प्याज पूर्णत: वर्जित होते हैं और केवल सात्विक भोजन का ही महत्व होता है. सात्विक भोजन में अनाज और फल जैसे खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं. हिंदू शास्त्र में सात्विक भोजन को शुद्ध और सबसे अच्छा माना गया है.
नवरात्रि व्रत के वो फायदे जो हमारे पूर्वजों ने सदियों पहले बताये
चैत्र नवरात्रि के समय जलवायु में बदलाव होता है. इस जलवायु में कई नए बैक्टीरिया पैदा होते हैं जिससे हमारा शरीर लड़ने के लिए तैयार नहीं होता है. इन बैक्टीरिया से लड़ने के लिए हमारे शरीर को तैयार करने के लिए ही उपवास किए जाते हैं. ये बात हिंदुस्तान में बड़े-बूढ़ों को सदियों पहले से पता थी जब साइंस के बारे में कम लोग ही जानते होंगे तो आइए जानिए नवरात्रि में उपवास रखने पर साइंस का क्या कहना है?
नवरात्रि के व्रत का महत्व
नवरात्रि का भोजन यानी ऐसा भोजन जो शरीर की मशीन में आसानी से पचे और कोई विकार न पैदा करे. जलवायु परिवर्तन के इस मौसम में अगर आप गरिष्ठ या तामसिक भोजन खाएंगे तो न सिर्फ आपको आलस आएगा बल्कि उसे पचाने में आपके शरीर को ज्यादा ऊर्जा खर्च करनी पड़ेगी. ऐसा होने से शरीर और मन दोनों थक जाते हैं. भारी खाना खाने से सुस्ती आती है इसलिए शरीर में फुर्ती नहीं रह जाती है. इसलिए नवरात्रि के व्रत हों या कोई भी दिन-महीना या त्योहार, हमे सादा, सुपाच्य और संतुलित खाना खाने की सलाह विज्ञान और डॉक्टरों के हवाले से दी जाती है.
क्यों रखें व्रत?
नवरात्रि में व्रत से शरीर एक्टिव रहता है. व्रत रखने से पाचन तंत्र बेहतर होने के साथ शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन भी होता है. नवरात्रि के दौरान उपवास रखने का वैज्ञानिक कारण आपके शरीर को डिटॉक्सिफाई करना है. हफ्ते में एक बार हल्का खाना खाने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है. व्रत से आंतों को साफ करने और उसको मजबूत करने में भी मदद करता है.
व्रत में क्या न खाएं?
नवरात्रि के व्रत में फल या लौकी से बनी कोई चीज खानी चाहिए. गरिष्ठ आहार जैसे आलू और मूंगफली वगैरह ज्यादा तली हुई चीजें जैसे कुट्टू की पूड़ी का सेवन संभलकर करना चाहिए. व्रत में कम खाना चाहिए. आप व्रत नहीं भी हैं तब भी आपको जंक फूड का सेवन नहीं किया जाना चाहिए. जिनका बीपी बढ़ा रहता है वो भी व्रत यानी रख सकते हैं. हालांकि उन्हें व्रत के दौरान ज्यादा चाय या कॉफी का सेवन नहीं करना है. ऐसे लोग लोग नींबू पानी, नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं. व्रत के खाने में ऐसे लोग सेंधा नमक का सही प्रयोग करके उसका भी सेवन कर सकते हैं. फलों का सेवन करें. ज्यादा समय तक भूखा नहीं रहना है.
नवरात्रि में सात्विक भोजन का महत्व
नवरात्रि के इन दिनों के व्रत में भी सात्विक भोजन करने का विधान है क्योंकि नवरात्रि का पर्व शुद्धता और पवित्रता से जुड़ा होता है. इसलिए इसमें केवल शुद्ध चीजें ग्रहण करनी चाहिए. सात्विक भोजन में साबूत अनाज, फल और सब्जियां, दूध, मेवे आदि शामिल होते हैं. व्रत के लिए सात्विक भोजन को सेंधा नमक से तैयार किया जाता है.
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