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Communal Clash and Stone Pelting in Jodhpur: राजस्थान के जोधपुर में ईद (Eid 2022) से पहले सोमवार देर रात दो समुदाय के लोग आमने सामने आ गए और उनके बीच झड़प हो गई. जोधपुर के जालौरी गेट चौराहे पर दो गुटों में स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति पर इस्लामिक झंडा फहराने की बात को लेकर विवाद शुरू हुआ, जो बढ़ते-बढ़ते पत्थरबाजी तक पहुंच गया. पत्थरबाजी में कई लोग चोटिल हुए हैं.
घटना की सूचना मिलने के बाद कंट्रोल रूम से अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंच गई और तुरंत भीड़ को वहां से खदेड़ दिया. इसके साथ ही जहां विवाद हुआ था उस चौराहे को बंद कर दिया. इस दौरान भीड़ को खदेड़ने में लगी पुलिस पर भी एक समुदाय की ओर से पथराव (Stone pelting on Police) किया गया.
फिलहाल, पूरे शहर में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है और पुलिस ने सांप्रदायिक सौहार्द (Communal Harmony) के साथ लोगों से त्योहार मनाने की अपील की है. इलाके में तनाव को देखते हुए इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा, 'जालौरी गेट, जोधपुर पर दो गुटों में झड़प से तनाव पैदा होना दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रशासन को हर कीमत पर शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं. जोधपुर, मारवाड़ की प्रेम एवं भाईचारे की परंपरा का सम्मान करते हुए मैं सभी पक्षों से मार्मिक अपील करता हूं कि शांति बनाए रखें एवं कानून-व्यवस्था बनाने में सहयोग करें.'
जालौरी गेट, जोधपुर पर दो गुटों में झड़प से तनाव पैदा होना दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रशासन को हर कीमत पर शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 3, 2022
दरअसल, जोधपुर में इन दिनों तीन दिवसीय परशुराम जयंती महोत्सव चल रहा है और उसी कड़ी में जोधपुर के जालौरी गेट चौराहे पर स्वर्गीय बालमुकंद की बिस्सा के चौराहे पर भगवा ध्वज फहराए हुए थे, जिसको लेकर प्रशासन ने ब्राह्मण समाज से अनुरोध कर सोमवार को दोपहर में भगवा ध्वज उतरवा लिए थे, लेकिन रात होते-होते अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों ने स्वतंत्रता सेनानी के प्रतिमा पर चढ़कर ध्वजा लगाकर उनके चेहरे को टेप से ढक दिया था.
इस बात को लेकर स्वर्गीय स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा के रिश्तेदार और अन्य लोगों ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से इस्लामिक ध्वजा उतारने को बोला तभी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने हिंदू संगठनों के लोगों पर हमला कर दिया और पूरी तरह से उन्हें पीटा, जिसके बाद हिंदू संगठनों के लोग बचने के लिए पास स्थित पुलिस चौकी में पहुंचे. लेकिन, अल्पसंख्यकों की भीड़ ने पुलिस चौकी में ही तोड़फोड़ कर दी और हिंदू संगठनों के लोगों के साथ मारपीट शुरू कर दी.
इस सारे घटनाक्रम के दौरान हालांकि पुलिस मौके पर मौजूद रही, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि पुलिस उनके आगे बेबस नजर आई. बाद में कंट्रोल रूम से अतिरिक्त पुलिस बल और दोनों डीसीपी मौके पर पहुंचे. लेकिन, तब तक पूरे शहर में यह खबर आग की तरह फैल गई थी कि जालौरी गेट चौराहे पर हिंदू-मुस्लिम का दंगा हो चुका है और दोनों ही पक्षों के लोग जालौरी गेट पहुंचने शुरू हो गए.
बिना किसी उच्च अधिकारी के आदेश के उदय मंदिर थाना अधिकारी अमित सिहाग ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया और कई पत्रकारों को भी निशाना बनाकर पीटा गया. लाठीचार्ज के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी सैकड़ों की संख्या में जालौरी गेट चौराहे की तरफ बढ़े और उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. इसके साथ ही उन्हें रास्ते में जो भी मिला उनके साथ मारपीट शुरू कर दिया. पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े, जिसके बाद स्थिति थोड़ी शांत हुई. इसके बाद अल्पसंख्यक वर्ग के काजी साहब ने लोगों को समझाकर मामला सुलझाने का प्रयास किया.
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